फीचर स्टोरी। उत्तर छत्तीसगढ़ में सबसे खूबसूरत इलाका है सरगुजा. नैसर्गिक सुंदरता लिए सरगुजा अँचल की पहचान खनिज संपदाओं के साथ पुरातात्विक और ऐतिहासिक भी है, तो वहीं यह इलाका पर्यटन लिए भी देश-विदेश में प्रसिद्ध है. ऐसे सरगुजा अँचल को संवारने के लिए भूपेश सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. दिसंबर 2018 में सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरगुजावासियों को जो चाहते हैं, जिस रूप में चाहते हैं, उसी अनुरूप के उनके बीच जाकर सौगातें दे रहे हैं, काम कर रहे हैं. 2019 में सरगुजा संभाग के दौरे जब मुख्यमंत्री गए थे तब उन्होंने सैकड़ों करोड़ों रुपये विकासकार्यों के लिए दिए थे, 2020 में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री एक बार फिर सरगुजा अँचल पहुँचे. सरगुजा संभाग के सभी 5 जिलों में गए और 2197 करोड़ के विकासकार्यों की सौगातें दी.
सरगुजा
छत्तीसगढ़ का मौर मुकुट कहलाने वाला सरगुजा की पहचान अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य है. सरगुजा में विश्व प्रसिद्ध प्राचीन नाट्य शाला रामगढ़ में मौजूद है. सरगुजा में भगवान राम के प्रमाण रामगढ़ की पहाड़ी पर सीताबोंगरा गुफा के रूप मिलते हैं. माना जाता है कि रामगढ़ की पहाड़ी पर ही महाकवि कालिदास ने मेघदूत की रचना की थी. ऐसे ऐतिसाहिक और पुरातात्विक महत्व वाले सरगुजा में जन सुविधाओं को विस्तारित करने, सरगुजावासियों की मांग पूरी करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 633 करोड़ 88 लाख की सौगत दी. मुख्यमंत्री ने कुल 110 विकासकार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया.
भूपेश बघेल ने कहा कि सरगुजा जिले के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है जब गांव के महिलाओं के द्वारा अपने उत्पाद को बेचने के लिए बड़ी कम्पनियों के समान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सरगुजा के बिहान स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा फोर्टीफाइड वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री कर अन्य प्रदेश की कम्पनी के साथ एमओयू करने का बीड़ा उठाया है यह तारीफ के काबिल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में रहने वाले अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए ही हम लोगों ने सुराजी गांव योजना का निर्माण किया. पूरे छत्तीसगढ़ में 6 हजार 430 गोठानों का निर्माण करके पशुओं की अच्छी देखभाल का इंतेजाम कर रहे हैं. इन गौठानों के माध्यम से जैविक खाद का निर्माण कर रहे है इससे हजारों की संख्या में हमारी माता, बहनों और युवाओं को रोजगार मिल रहा है. हमारी सरकार पर्यटन के क्षेत्र में नई दृष्टि के साथ काम कर रहे हैं. अब संस्कृति और पर्यटन को जोड़कर ऐसी रणनीति बनायी है जिससे दोनों का विकास साथ-साथ हो सकें और पिछडे क्षेत्रों को इसका सबसे ज्यादा लाभ हो.
एक नजर कुछ प्रमुख सौगातों पर
सीतापुर में उद्यानिकी महाविद्यालय
मैनपाट में बायोडायर्वसिटी पार्क
विकासखण्ड मुख्यालयों से संभाग को जोड़ने वाली सभी सड़कों का उन्नयन
मैनपाठ से सिरपुर को बौद्ध सर्किट के रूप जोड़ा जाएगा
दरिमा हवाई अड्डे में सुविधाओं का विस्तार
कई भवन और सड़कों का लोकार्पण
सिंचाई की समूचित व्यवस्था, नहर निर्माण पर जोर
छत्तीसगढ पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन रायपुर द्वारा 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित लखनपुर थाना भवन , छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 2 अम्बिकापुर द्वारा 10 करोड़ 40 लाख रूपए की लागत के 4 कार्य, जिला खनिज संस्थान न्याय द्वारा 62 लाख रूपए की लागत के 6 कार्य, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण विकास द्वारा 3 लाख रूपए की लागत के 11 निर्माण कार्य सहित कुल 22 कार्य शामिल हैं.
लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने वाले 305 करोड़ रूपए की लागत के 35 निर्माण कार्य, जल संसाधन विभाग द्वारा 2 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत के गरूवाझारिया व्यपवर्तन योजना, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण विकास द्वारा 17 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के पांच निर्माण कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा 2 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के 1 कार्य, लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग द्वारा 68 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के 9 कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 64 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत के तीन कार्य, जिला खनिज संस्थान न्यास द्वारा 1 करोड़ 64 लाख रूपए की लागत के 22 कार्य, छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा 13 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत के 2 कार्य तथा छत्तीसगढ़ रोड एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड अम्बिकापुर द्वारा 82 करोड़ 76 लाख रूपए की लागत के 1 कार्य सहित कुल 79 निर्माण कार्य शामिल हैं.
बलरामपुर-रामानुजगंज
छत्तीसगढ़ के सरगुजा अँचल में प्रकृति के आगोस में बसा जिला है बलरामपुर. यह जिला अपनी पुरातन संस्कृति और वैभव के लिए प्रसिद्ध है. पुरातात्विक महत्व वाले इसे जिले को विकसित करने भूपेश सरकार लगातार काम कर रही है. बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले के विकास के लिए ढाई सौ करोड़ की सौगात मुख्यमंत्री ने दी.
एक नजर कुछ प्रमुख सौगातों पर
12वीं वाहिनी रामानुजगंज में निर्मित आवासीय परिसर
जरहाडीह खास से चिरकोमा, पचावल से कोटपाली, इन्द्रपुर रोड से नीलकंठपुर यादवपारा, बलंगी नवाटोला से झापर गोड़पारा, मलपुर से पटेवाखास, पण्डरी पहाड़डीह, अम्बिकापुर रामानुजगंज रोड से महुआडांड नावापरा, शारदापुर अमण्डा से सरहूलखास में पुल निर्माण का लोकार्पण
ककनेश जलाशय, कोटराही जलाशय , मानीकपुर जलाशय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, राजपुर में 5400 मेट्रिक टन गोदाम निर्माण, प्रेमनगर में 3600 मेट्रिक टन गोदाम निर्माण, प्रकाश व्यवस्था हेतु 2298 नग सोलर होमलाईट की स्थापना गौठान और चारागाह में पेयजल व सिंचाई हेतु 45 सोलर पंप की स्थापना.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 12 करोड़ 26 लाख रूपये की लागत से वाड्रफनगर से धधीया तक बनने वाली सड़क, 5 करोड़ 64 लाख रूपये की लागत से झारा से तालकेश्वरपुर सड़क, 6 करोड़ 33 लाख रूपये की लागत से ककना से आरा खास तक सड़क, 6 करोड़ 1 लाख रूपये की लागत से बघीमा से बदौली खास सड़क, 5 करोड़ 94 लाख रूपये की लागत से ककना से अखोराखुर्द सड़क, 5 करोड़ 43 लाख रूपये की लागत से बचवापारा से विनायपुर उपरपारा सड़क, 17 करोड़ 48 लाख की लागत से बनने वाली छत्रेश्वर व्यपवर्तन, 12 करोड़ 16 लाख की लागत की सुखनई व्यपवर्तन योजना, 5 करोड़ 87 लाख की लागत से बनने वाली रक्साखोली व्यपवर्तन योजना, लोक निर्माण विभाग द्वारा 5 करोड़ 8 लाख की लागत से विजयनगर मिसगई मार्ग पर सिंदुर नदी पर पुल निर्माण.
बलरामपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय
चांदो, रघुनाथनगर एवं डौरा-कोचली को तहसील और बरियो को उपतहसील बनाने की घोषणा
चिकित्सा सुविधा के 4 एम्बुलेंस
जिला चिकित्सालय बलरामपुर में 10 आईसीयू बेड एवं डायलिसीस की व्यवस्था
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामानुजगंज की 30 बिस्तर को 100 बिस्तर
बलरामपुर में केन्द्रीय सहकारी बैंक
सेमरसोत अभ्यारण क्षेत्र के वनग्रामों में वनोपज खरीदी केन्द्र
तातापानी, रनहत में पुलिस चौकी,
चनान व्यपवर्तन एवं गिरवानी का नवीनीकरण एवं विस्तार
चांदो-सामरी मार्ग में कंठी घाट का निर्माण कार्य को पूर्ण कराने की घोषणा की.
कोरिया
छत्तीसगढ़ में कोयालंचल के नाम से प्रसिद्ध कोरिया जिले में विकास की गंगा बहने लगी है. भूपेश सरकार बनने के बाद से ही जिले में विकास के अनगिनत काम तेजी से चल रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया में 212 करोड़ 35 लाख रूपए के विकास कार्याें की सौगात दी. इनमें से 68 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत के 80 निर्माण कार्याें का लोकार्पण और 114 करोड़ 13 लाख रूपए की लागत के 130 कार्याें का भूमि-पूजन और शिलान्यास शामिल हैं.
जानिए कोरिया जिले को क्या-क्या मिला-
बैकुण्ठपुर में निर्मित नया पॉलिटेक्निक भवन
4 करोड़ 55 लाख रूपए की लागत से चिरमिरी में शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल भवन
बैकुण्ठपुर में लगभग 5 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु निर्मित 44 भवन
मनेन्द्रगढ़ में लगभग 5 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से निर्मित 44 भवन
4 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत से नवनिर्मित कृषि महाविद्यालय चेरूवापारा का भवन
3 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत से निर्मित 2 बालक छात्रावास के भवन
भरतपुर-सोनहत में 14 करोड़ 53 लाख रूपए की लागत से सिंचाई हेतु सौर सुजला योजना के अंतर्गत 718 नग सोलर पम्प की स्थापना
भरतपुर-सोनहत में ही पेयजल व्यवस्था हेतु 2 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत से 53 सोलर ड्यूल पम्प स्थापना
3 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से भरतपुर-सोनहत में प्रकाश व्यवस्था हेतु 81 सोलर हाईमास्ट लाइट स्थापना
18 लाख रूपए की लागत से भरतपुर-सोनहत में पेयजल व्यवस्था हेतु 3 आयरन शुद्धिकरण संयंत्र की स्थापना2 करोड़ 24 लाख रूपए की लागत से मनेन्द्रगढ़ में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 118 सोलर पम्प की स्थापना
89 लाख रूपए की लागत से बैकुण्ठपुर क्षेत्र में 134 सोलर पम्प की स्थापना
भरतपुर-सोनहट क्षेत्र के बहरासी में 1 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत से निर्मित 33/11 के.व्ही. क्षमता के विद्युत उपकेन्द्र
कृषि महाविद्यालय का नाम पूर्व मंत्री कोरिया कुमार स्वर्गीय रामचंद्र सिंहदेव के नाम पर
भरतपुर-सोनहत में महाविद्यालय की स्थापना
चिरमिरी में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना
18 करोड़ 19 लाख रूपए की लागत से देवाडाड़-पेन्ड्री व्हाया मंगोरा मार्ग पर बुधरा नदी पर बनने वाला उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 107 करोड़ 72 लाख रूपए की लागत से बनने वाली 15 सड़कें शामिल हैं। इन सड़कों में 15 करोड़ 7 लाख रूपए की लागत से बनने वाली बैकुण्ठपुर-जुनापारा-कुडेली व्हाया आमापारा, चारपारास, सत्तीपारा सड़क, 14 करोड़ 9 लाख रूपए लागत की पिपरिया सड़क-नागपुर रेल्वे स्टेशन-सिरियाखोह-चिरईपानी सड़क, 12 करोड़ 24 लाख रूपए लागत की पेन्ड्री-महाई व्हाया लोहारी सड़क, 11 करोड़ 52 लाख रूपए लागत की खाडा-एन.एच. रनई व्हाया अमहर-चिरगुडा-तेन्दुआ सड़क, 11 करोड़ 30 लाख रूपए की लागत कोथारी-पाराडोल रेल्वे स्टेशन व्हाया पारसगढ़ी सड़क शामिल हैं। मुख्यमंत्री 2 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से बैकुण्ठपुर में बनने वाली वायरोलॉजी लैब शामिल है.
सूरजपुर
सूरजपुर में विकास का सूरज और चमकेगा. क्षेत्रवासियों को अब वो हर सुविधा मिलेगी जिसकी मांग वो कर रहे थे. बेहतर शिक्षा-स्वास्थ से लेकर सड़क-बिजली पानी तक, जल-जंगल-जमीन में वन अधिकार की निशानी तक. आदिवासी अँचल में अब तरक्की और प्रगति की रफ्तार तेज होगी क्योंकि भूपेश सरकार जिले को विकसित करने 304 करोड़ के विकासकार्यों की सौगात दी है.
एक नजर कुछ प्रमुख सौगातों पर
सूरजपुर जिले को कुल 304 करोड़ के विकासकार्यों की सौगात
131.86 करोड़ रुपये के कुल 213 कार्यों का लोकार्पण
172.71 करोड़ रूपये के कुल 78 कार्यों का भूमिपूजन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 15.64 करोड़ के 162 कार्य
नगर पालिका परिषद सूरजपुर के 3.18 करोड के 1 कार्य
क्रेडा विभाग के 26 लाख के 3 कार्य
स्वास्थ्य विभाग के 11.96 करोड़ के 2 कार्य
गृह विभाग के 21.38 करोड़ के 07 कार्य
ग्रामोद्योग विभाग के 1.09 करोड़ के 02 कार्य
लोकनिर्माण विभाग के 1.18 करोड़ के 1 कार्य
वन विभाग के 2.27 करोड़ के 31 कार्य
छत्तीसगढ़ रोड़ एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के 20.80 करोड़ के 1 कार्य
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 53.788 करोड़ के 2 कार्य
3.18 करोड़ रूपए की लागत से हाईटेक बस स्टैंड
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के 38 लाख के 1 कार्य
कलेक्ट्रेट कार्यालय में छत्तीसगढ़ी व्यंजन गढ़ कलेवा
भैयाथान को अनुभाग और बिहारपुर को तहसील बनाने की घोषणा
वहीं मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 96.25 करोड़ के 16 कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 2.85 करोड़ के 21 कार्य, क्रेडा के 34.48 करोड़ के 6 कार्य, स्वास्थ्य विभाग के 8.52 करोड़ के 15 कार्य, लोक निर्माण विभाग के 27.70 करोड़ के 14 कार्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के 2.914 के 6 कार्यो का भूमिपूजन किया है.
जशपुर
उत्तर छत्तीसगढ़ में सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वाला जशपुर आदिवासी बाहुल्य जिला है. इस जिले में पहाड़ी कोरवा और उराँव जनजाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. यह जिला पर्यटन की अपार संभावनाओं से भरा हुआ है. बावजूद इसके यह जिला राज्य गठन के 20 साल बाद भी विकासक्रम में पिछड़ा ही रहा. ऐसे में इस जिले को पिछड़ेपन से उबारने की शुरुआत भूपेश सरकार ने कर दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 8 सौ करोड़ के विकासकार्यों की सौगात जिलेवासियों को दी है.
इस तरह से होगा जशपुर जिले का विकास
जशपुर जिले को 8 सौ करोड़ रुपये के विकासकार्यों की सौगात
जशपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटन स्थलों में सौदर्यीकरण, नए रिसॉर्ट, सुविधाओं का विस्तार
जशपुर जिले की जनजातियों, संस्कृतियों, परंपराओं को जानने का बड़ा केंद्र संग्रहालय
गाँवों के विकास के लिए 200 नए विकासकार्य स्वीकृत
सन्ना में अस्पताल, कोतबा में उद्यानिकी कॉलेज, जशपुर में तीरंदाजी अकादमी
जशपुर और सन्ना के बीच 9 किलोमीटर सड़क निर्माण
ईब नदी पर पुल निर्माण
बगीचा अस्पताल के संधारण और मुक्तिधाम के लिए 40 लाख रुपए
कक्षा 10 और 12 वीं की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले तथा नीट में सफल 14 विद्यार्थियों को लैपटॉप
मुख्यमंत्री ने कहा कि जशपुर में पर्यटन के विकास की बहुत संभावनाएं है. जिले को इस दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वन विभाग को निर्देश दिए गए है कि वे वनों में साल के बजाय फलदार पौधे लगाएं. इससे वहां रहने वाले लोगों की आय बढ़ेगी. खाद्य प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से फलों का मूल्य संवर्धन (वेल्यू एडिशन) कर आमदनी बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि जशपुर जिले के सभी 8 विकासखंडों में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए जमीन चिन्हांकित कर ली गई है.
वास्तव में जिस सोच और कल्पना के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समूचे सरगुजा अँचल को संवारना चाहते हैं उस दिसा में उन्होंने एक क्रांतिकारी कदम की शुरुआत कर दी है. उम्मीद है आने वाले वर्षों में सरगुजा संभाग प्रदेश ही नहीं देश और विदेश में अपनी उपल्बधियों के लिए जाना जाएगा. राज्य सरकार जिस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है, जिस तरह से काम कर रही है उससे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना अवश्य साकार होगा.