रायपुर। प्रदेश में एक बार फिर आदिवासी नेतृत्व की मांग उठने लगी है. भाजपा नेता नंदकुमार साय ने मांग की है कि आदिवासी बाहुल्य राज्य में आदिवासी को नेतृत्व मिलना चाहिए. समाज के भीतर लगातार इस पर चर्चा हो रही है, लीडरशिप को भी इस ओर चिंता करनी चाहिए. आदिवासी वर्ग में क्षमता भरपूर है मौका मिलना चाहिए, मुझे जब मौका मिलेगा तब राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने ये बात रखूंगा.

बीती रात दिग्गज आदिवासी भाजपा नेता नंदकुमार साय के बंगले में रामविचार नेताम समेत अन्य बड़े आदिवासी नेताओं और समाज प्रमुखों की गोपनीय बैठक हुई. बैठक में साल 2023 में भाजपा की सरकार बनाने के साथ ही आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने के एजेंडे पर चर्चा हुई. बैठक से एक बार भाजपा की अंदरुनी राजनीति में खलबली मची हुई.

बैठक में थोड़ी देर के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता ननकी राम कंवर भी पहुंचे थे, इसे संगठन के नेताओं पर आदिवासी नेताओं द्वारा दबाव बनाने की एक रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. 14 बिंदुओं को लेकर हुई इस गोपनीय बैठक में आदिवासी नेताओं की उपेक्षा और संगठन और सत्ता में आदिवासी नेताओं की लीडरशीप को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई.