सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कोरोना काल में मनमानी करते हुए निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने वाले हॉस्पिटलों के खिलाफ दर्जनों शिकायतों के बाद भी सिर्फ छह निजी और तीन सरकारी हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया है. रायपुर सीएमएचओ का तर्क है कि पहले नोटिस में मामला सुलझाया लिया गया, जिसकी वजह से कार्रवाई की नौबत नहीं आई.

पूरे कोरोना कॉल में राजधानी रायपुर के प्राइवेट से लेकर गवर्नमेंट हॉस्पिटल को लेकर लोगों की शिकायतों की झड़ी लगी थी, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि सिर्फ़ छह प्राइवेट और तीन गवर्नमेंट हॉस्पिटल को ही नोटिस जारी किया गया है. इस संबंध में सवाल किए जाने पर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि कोरोना काल में जिन तीन गवर्नमेंट और छह प्राइवेट हॉस्पिटल की शिकायत मिलने पर तत्काल नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण माँगा गया था. पहले नोटिस में ही समस्या का समाधान हो गया, इसलिए कार्रवाई नहीं की गई.

कार्रवाई नहीं करने की बताई यह वजह

वहीं दो नोटिस जिला अस्पताल और एक बीरगाँव के सरकारी हॉस्पिटल को जारी किया गया था. दो मामले पर जाँच करने पर जच्चा-बच्चा को कोई नुक़सान नहीं था, इसलिए ज़िम्मेदारों को चेतावनी दी गई कि अगली बार शिकायत हुई तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं एक मामला गर्भवती महिला का था, जिसकी जांच में यह बात सामने आई कि पेट में दो माह पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी. हॉस्पिटल में हंगामा होने के बाद ज़िम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था.

इन अस्पतालों को दिया गया था नोटिस

बताया गया कि संजीव अग्रवाल की शिकायत पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, आशीष कुमार अग्रवाल की शिकायत पर श्री नारायणा हॉस्पिटल, सीता राम अग्रवाल और परस राम साहू की शिकायत पर एनएच एमएमआई हॉस्पिटल, महावीर मालू की शिकायत पर श्रेयान्स मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, खेलसाय सिंह ठाकुर की शिकायत पर व्हीवाय हॉस्पिटल को नोटिस भेजा गया था. मरीज़ों की समस्या का समाधान हो जाने की वजह से कार्रवाई की नौबत नहीं आई.