दरअसल, करीमा बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न से बचने के लिए कनाडा में शरणार्थी के तौर पर रह रही थीं। उनको बीबीसी ने 2016 में दुनिया की 100 सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के तौर पर चुना था। करीमा को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली महिला के रूप में जाना जाता था। करीमा घर से लापता हो गईं थीं। इसके बाद सोमवार को उनके परिवार ने कहा कि उन्हें उनका शव मिला है। उनके परिवार ने उनकी हत्या का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि करीमा कई बार भारत से भी मदद की अपील कर चुकी थी। 2016 में रक्षाबंधन पर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक वीडियो मैसेज भेजा था। इसमें उन्होंने कहा था कि अनगिनत भाई लापता हैं, बलूचिस्तान में बहनें अब भी अपने भाई के वापस आने का इंतजार कर रही हैं। मैं आपसे एक भाई के तौर पर अपील करती हूं कि आप बलूचिस्तान में चल रहे नरसंहार को दुनिया के फोरम पर उठाएं। हम चाहते हैं कि आप हमारे संघर्ष की आवाज बनें। करीमा का वो संदेश काफी चर्चा में रहा था।