रायपुर। विधानसभा में किसानों की आत्महत्या मामले में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई, जिसके बाद भाजपा के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए. सदस्यों के वापस आने के बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई. इसके बाद विपक्ष द्वारा किसान आत्महत्या के मामले में लाए गए स्थगन की ग्राह्यता को आसंदी ने अस्वीकार कर दिया.
ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि दुर्गेश नाम के किसान ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसने खेत में दो बार खेत में दवाई का छिड़काव किया, दवा नकली थी, फसल का नुकसान हुआ. गृहमंत्री के क्षेत्र के प्रेमलाल, लीलूराम पटेल ने आत्महत्या की. कोंडागांव के किसान धनीराम साहू की आत्महत्या करने की सबसे बड़ी वजह उसके खेत के रकबे को कम करना है.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में गिरदावरी के रकबे को सुधारने लाखों की संख्या में किसानों ने आवेदन लगाए लेकिन किसी आवेदन पर कार्रवाई नहीं हुई. बाद में उन आवेदनों को जला दिया गया. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बारदाना खरीदने का काम राज्य सरकार ही करती है, लेकिन अपनी असफलता को छिपाने केंद्र पर आरोप लगाया जा रहा है. आज सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा था कि न्याय योजना की चौथी क़िस्त नही मिला तो इस्तीफा दे देंगे, कहां गए इस्तीफा देने वाले.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान की मौत की वजह उसकी पत्नी के आचरण को बताया जाए. ये बेहद शर्मनाक है. किसानों की आत्महत्या को मजाक न बनाये. चाहे वह हमारे कार्यकाल के दौरान हुई है या आपके कार्यकाल में हो रही है. किसानों की आत्महत्या यदि गिरदावरी में रकबे घटाने की वजह से हो ये दुर्भाजनक है. किसानों की आत्महत्या के बाद उनके बच्चों के सामने भूखे मरने की नौबत आ रही है. किसानों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.
जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि हम सरकार को आईना दिखाना चाहते हैं. किसानों की आत्महत्या पर लीपापोती करनी है तो फिर मुझे कुछ नहीं करना. एक किसान ने फसल में दवाई छिड़की लेकिन फसल अच्छी नहीं हुई. वह सरकार से दवाई लेता है. यदि उस दवाई के छिड़काव से फसल खराब हो जाए तो इसकी जिम्मेदार सरकार है. दाल तड़का बेचने वाले लोग बीज निगम में दवा की सप्लाई कर रहे हैं. गिरदावरी में रकबे घटा दिए गए. मनमाने ढंग से रकबा घटाया गया. सरकार में आप बैठे है, ऐसे में किसानों की आत्महत्या का जुर्म आपने मत्थे आना है.
उन्होंने कहा कि बीज निगम ने पिछले साल किसानों की बीज सप्लाई का भुगतान नही किया है. बोरा की समस्या हर साल आती है. सरकार को इसकी तैयारी पहले करनी थी. दिल्ली की सरकार बोरा दे या न दे इसकी व्यवस्था सरकार को करनी ही होगी. किसानों को इस बात से मतलब नही है कि बोरा मिला या नहीं. जो धान खरीदी की गई है, उसका ट्रांसपोटेशन क्यों नही किया गया है? यहां भी केंद्र सरकार का कोई अड़ंगा है क्या?
उन्होंने कहा कि गांव-गांव के हर किसान केंद्र में लोग दुखी है. किसानों के चक्काजाम करने की स्थिति आ सकती है? किसान आत्महत्या कर सकते हैं? मंडी कानून में संशोधन लेकर आये हैं. किसानों को अब अधिकारी जेल भी भेज देंगे. सरकार के मंत्रियों को, और सभी 70 विधायकों को धान खरीदी केंद्रों का जायजा लेना चाहिए.
चर्चा में भाग लेते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि किसान आत्महत्या क्यों कर रहा है? बलरामपुर की घटना से उसे सदन में घूमाने की कोशिश की गई. विपक्ष को अपमानित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. दो महीनों में सिर्फ 35 दिन राज्य में धान की खरीदी होगी. अधिकांश सोसायटियों में मार्कफेड के साथ उठाव को लेकर अनुबंध तक नहीं किया गया.
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सदन में कहा कि बीजेपी ने 2003 में घोषणा पत्र में कर्जमाफी का वादा किया था. इस पर शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल ने चुनौती देते हुए घोषणा पत्र सामने रखने की चुनौती देते हुए कहा कि हमने ऐसा नहीं कहा है. मोहन मरकाम घोषणा पत्र को सदन में रख दें और माफी मांगे क्या? पक्ष- विपक्ष की ओर से जमकर नोक-झोंक के बाद नाराज बीजेपी ने वॉकआउट किया.