हेमंत शर्मा, रायपुर। दुर्ग जिले के बहुचर्चित अम्लेश्वर थाना क्षेत्र स्थित खुड़मुड़ा हत्याकांड मामले में पुलिस की कई टीमें जांच में लगी हुई है। हत्या हुए तीन दिन बीत चुके हैं, पुलिस की तफ्तीश लगातार जारी है। हत्याकांड के सिरे रसूखदारों से जुड़ रहे हैं, लिहाजा पुलिस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम की टीम भी लगातार पड़ताल कर रही है।

इस पूरे मामले में पुलिस अब तक 70 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। जिसमें राजधानी रायपुर के कई नामी बिल्डर्स, प्रापर्टी डीलर/जमीन दलाल और ग्रामीणों के साथ ही मृतक के परिजन शामिल हैं।

क्या बालाराम की जमीनें किसी प्रोजेक्ट में थी बाधक !

लल्लूराम डॉट कॉम की जांच में कई बातें निकलकर सामने आई है। खुडमुडा क्षेत्र में ही अलग-अलग बिल्डरों के 7 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके अलावा अमलेश्वर इलाके में बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट चल रहा है। खुड़मुड़ा क्षेत्र में ही एक चर्चित बिल्डर का ही 300 से 400 एकड़ का प्रोजेक्ट चलने की जानकारी सामने आ रही है।

गाँव के सरपंच पति धर्मेंद्र सोनकर का कहना है कि बिल्डर जब किसान से जमीन लेते हैं तो पूरा पैसा देने में 2 से 3 साल तक लगा देते हैं। किश्त में पैसा देते हैं। मृतक परिवार काफी शांत था। इनकी किसी प्रकार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। किसी से लेन देन भी नहीं था। बालाराम काफी पूजापाठ करता था।

पुलिस क्या छिपा रही है ?

धर्मेंद सोनकर का कहना है कि कुछ क्लू तो पुलिस वालों को जरूर मिला है। पुलिस कुछ न कुछ जरूर छिपा रही है। बालाराम की पत्नी रायपुर शास्त्री बाजार सब्जी बेचने जाती थीं। पता नहीं क्या हुआ होगा, ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता !

गाँव में इस हुलिए का कोई नहीं

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घायल बच्चे के द्वारा बताए गए हुलिए के अनुसार पुलिस ने एक स्क्रेच बनवाया है। स्कैच लेकर पुलिस की टीम गांव पहुंची थी और गांव के काफी लोगों से मिलान करवाया गया है। इसके साथ ही कल रात गांव के सरपंच पति को भी थाने बुलाकर स्कैच दिखाया गया। स्कैच में जो हुलिया है टोपी पहना और दाढ़ी वाला है। सरपंच ने गांव में इस हुलिए के व्यक्ति का नहीं होना बताया।

 

किसी के साथ झगड़ा नहीं

इस जघन्य हत्याकांड को लेकर हमारी परिजनों से भी बात हुई। परिजनों ने बताया कि किसी प्रकार से किसी के साथ झगड़ा नहीं था। लोगो की मदद करता था। जमीन वाला हमें कोई बात पता नहीं। जमीन का बंटवारा अभी नहीं हुआ है। मृतक के परिवार के बारे में जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक बालाराम सोनकर मूलतः महासमुंद के सिवनी तुमगांव का रहने वाला था। शादी के एक साल बाद वो खुडमुड़ा आ गया था। खुडमुड़ा उसका ससुराल है। खुद मेहनत करके उसने 7 एकड़ जमीन खरीदा था।

बालाराम के घर के रास्ते की जमीन बिक चुकी थी

गांव के कोटवार चित्रसेन सोनवानी ने बताया कि इनका जमीन विवाद होगा इसकी कोई जानकारी हमें कभी नहीं मिली है। हो सकता है किसी के माध्यम से इनको धमकी देने आया होगा। गांव वालों का आना-जाना यहां बिल्कुल कम होता है। यह परिवार किसी से मतलब नहीं रखता था। सुबह से रात तक मेहनत करते थे। बालाराम सोनकर मूलतः सिवनी तुमगांव का रहने वाला था। शादी के एक साल बाद वह खुडमुड़ा आ गया था। यह उसका ससुराल है। शादी होने के बाद बालाराम को उनके ससुर ने आधा एकड़ जमीन दिया था। इसके बाद उसने यह जमीन बेचकर 2 एकड़ जमीन यहां खरीदा था। मेहनत करके इस जमीन को 6 एकड़ आसपास जमीन बना लिए है। इनके जमीन को छोड़कर आसपास की सारी जमीन बिक चुकी है। इसका जमीन बिकता तो खरीदने वाले आगे की जमीन को प्रयास करते। जमीन खरीदने वाले चाहते है कि जितना जमीन मिल जाए। यह बिक जाता तो खुडमुड़ा में एक और प्लाटिंग था। इनके घर आने का रास्ता भी बिक गया है। दलालों ने किसान से रास्ता वाली जमीन खरीद ली है। जमीन का रेट ज्यादा बताते हैं तो किसान आसानी से बेच देते हैं। रायपुर और गांव के आसपास के जमीन दलालों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एक घंटे तक पूछताछ हुई। बालाराम की पत्नी सब्जी बेचने जाती थी। इसके पास हर समय करीब 50 हजार रुपये रहता था।

अब तक यहां पहुंची जांच

अमलेश्वर थाना प्रभारी वीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जाँच काफी आगे बढ़ गई है. पुलिस ने एक स्कैच भी जारी किया है. इस पूरे मामले में अब तक 70 लोगों से पूछताछ हो चुकी है. कुछ कोराबारी, बिल्डर्स भी पूछताछ हुई है. इलाके में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. कुछ बड़े लोगों के भी प्रोजेक्ट हैं. गाँववालों ने आप लोगों से जो भी जानकारी साझा की है उस पर कुछ नहीं कहूँगा, लेकिन हम सभी तरह के एंगल में जाँच कर रहे हैं. इलाके में जमीन संबंधी मामलों की भी पड़ताल कर रहे हैं. जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा. सभी बिंदुओं पर जाँच जारी है. पुलिस की पाँच टीमें जाँच कर रही है.

बता दें कि मामले में डीजीपी के निर्देश के बाद दुर्ग एसपी द्वारा गठित पाँच स्पेशल टीमों ने अलग-अलग पहलुओं पर अपनी जांच कर रही। इस मामले में सायबर की टीम ने घटना के दौरान क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों की पड़ताल शुरू की, जिसमें कुछ संदिग्ध नंबरों को जांच में लिया गया है। पुलिस की टीम मृतक बालाराम सोनकर के परिवार की हिस्ट्री के साथ ही जमीन विवाद के एंगल पर भी जांच कर रही है। तीसरी टीम का जिम्मा गांव के लोगों सहित संदिग्धों से पूछताछ का था। पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर एक टीम राजधानी रायपुर के बहुचर्चित इलाके में रहने वाले जमीन दलालों और भूमाफियाओं से पूछताछ की। इसके अलावा पुलिस ने राजधानी रायपुर के बिल्डरों के साथ ही गांव में सक्रिय प्रापर्टी डीलरों से घंटों पूछताछ किया। दूसरे दिन घायल बालक को लेकर पुलिस की टीम घटना स्थल पहुंची और पूरे क्राइम सीन को बच्चे से समझा। बच्चे ने पुलिस को कातिल के बारे में अहम जानकारियां दी। जिसके बाद बच्चे के बताए हुलिए के अनुसार पुलिस ने कातिल का स्कैच तैयार कराया।