पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। कोयबा के खासरपानी में बसे किसान शुकरू ओटी के पालतू भैंसों के साथ महीनों से रह रहे वन भैंसा “प्रिंस”क्रॉस बिर्ड का एक पड़वा का जन्म हुआ था. वहीं इससे पहले डॉक्टरों ने आंखों की बीमारी से जूझ रहे मूल नस्ल के प्रिंस को बाड़े में रखने की सलाह दी थी. प्रिंस की आंखों की बीमारी गंभीर हो गई है. आज डॉक्टरों ने खासरपानी पहुंच कर इलाज किया.
दरअसल, उदंती सीतानदी अभयारण्य में बचे मूल नस्ल के तीन वन भैंसों में से प्रिंस विगत 16 महीनों से उत्तर उदंती रेंज में कोयबा के आश्रित स्थल खासरपानी में बसे इकलौते किसान सुकरू राम ओटी के खलिहान में अपना डेरा जमा लिया है. कृषक के पास भैंस प्रजाति के 30 मवेशी मौजूद है, इन्हीं के साथ प्रिंस घुल मिल गया है. वन भैंस के क्रॉस बिडिंग से शुकरू के देशी भैंस ने 20 दिन पहले ही एक नर पड़वा को जन्म दिया है. जो देखने मे हूबहू वन प्रजाति के भैंस के जैसे ही दिखता है. प्रिंस उस इलाके में रह कर कई किसानों के मक्का के फसल को भी बर्बाद कर चुका है. फसल नुकसान का प्रकरण बनाया गया है,जल्द मुआवजा किसानों को मिलेगा.
उदंती अभयारण्य के उपसंचालक आयूष जैन ने कहा कि रेस्क्यू सेंटर में अभी 7 भैस मौजूद है,खुशी एक मात्र मादा है,बाहर विचरण कर रहे प्रिंस व राजा पर बराबर निगरानी रखी गई है. क्रॉस बिर्ड से कितने भैंस जन्मे है उसका सर्वे कर, डीएनए जांच के लिए सेम्पल भेजा गया है. निर्धारित प्रतिशत पाया गया तो क्रॉस से जन्मे भैंस के बच्चों को अभयारण्य में लाने उच्च अधिकारियों से सलाह लिया जाएगा.
एक आंख से काना हो चुका,दूसरा आंख बीमार से ग्रसित
प्रिंस एक आंख से साल भर पहले काना हो चुका है, दूसरे में भी वही बीमारी के लक्षण है, प्रिंस की निगरानी विभाग ट्रेकरों से करवा रही है पर उसकी सुरक्षा की ग्यारंटी नहीं है. चिकित्सकों ने प्रिंस को बाड़े के अंदर रखने की सलाह दे चुके हैं.
रेंजर फिरोज खान ने कहा कि,प्रिंस हमेसा ट्रेकरों के नजर में है, उसके सुरक्षा व स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से रहने के कारण उसके आचरण में बदलाव आ गया है. बाडे में कई बार लाने का प्रयास किया जा चुका, यहां मौजूद दूसरे भैंसों से लड़ाई हो जाती है. प्रिंस के अलावा राजा भी इसी तरह बाढ़े से बाहर ,बफर जोन में विचरण कर रहा है.
चिकित्सको को उपचार के लिए खासरपानी जाना पड़ा
सीसीएफ डॉक्टर राकेश वर्मा के नेतृत्व में आज चिकित्सकों का दल प्रिंस के इलाज के लिए अभयारण्य पहुंचा. अभयारण्य के उपसंचालक पीयूष जैन भी साथ मे थे. टीम को प्रिंस के इलाज के लिए खासरपानी जाना पड़ा. डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि प्रिंस एक आंख से ही देख पा रहा है, इस आंख को भी समय समय पर उपचार की आवश्यकता है. आज इसका सफल उपचार किया गया है,जल्द ही हम इसे ठीक कर लेंगे.