रायपुर। आज छत्तीसगढ़ माप तौल निर्माता व विक्रेता संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में संघ से संबंधित विषयों और विभाग से हो रही परेशानियों पर विस्तार से चर्चा की गई. माप तौल विभाग के अधिकारियों के आपसी तालमेल के अभाव के कारण लाइसेंस धारकों और व्यापार जगत में परेशानियां हो रही हैं. बैठक में लिए गए निर्णय को शासन से अवगत कराकर जल्द ही कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

लाइसेंस नवीनीकरण के संबंध में कोई भी स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिला है. भारत सरकार व छत्तीसगढ़ शासन के दिशा निर्देश पर लिए गए बैठक के एमओएम 29 मई के अनरूप नवीनीकरण की प्रकिया को सरलीकृत करते हुए विधि माप विज्ञान अधिनियम 2009 के अधीन आने वाले सभी लाइसेंसो का ऑटो रिनेवल होना था. लेकिन आज तक इस प्रक्रिया से एक भी लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ है. विभाग के कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने के परिस्थिति में नहीं हैं. प्रदेश के 90 प्रतिशत लाइसेंस की वैधता 31 दिसंबर को समाप्त हो रही हैं. यदि लाइसेंस नवीनीकरण 31 दिसंबर के पहले नहीं हुई, तो प्रदेश में संविधानिक संकट हो जाएगा. सुधारकों को 1 जनवरी से वैध लाइसेंस न होने के कारण कार्य बंद करना पड़ेगा. जिसका असर धान खरीदी केन्द्रों से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली खाद्य भण्डार गृह, सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों में पड़ेगा. नाप तौल उपकरण सुधारे नहीं जायेगें, तो वजन की यथार्थता कैसे सही रहेगी. इसलिए शासकीय शुल्क लेकर लाइसेंस का नवीनीकरण करने की व्यवस्था की जाए.

विभाग लाइसेंस धारकों के ऊपर नियतकालिक प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के कारण लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई कर रही है. बैठक में इस विषय पर सदस्यों ने रोष व्यक्त किया. सदस्यों ने बताया कि सारी प्रक्रिया आनलाइन हो रही हैं. इसलिए नियतकालिक प्रतिवेदन की कोई आवश्यकता नहीं हैं. कोरोना के कारण सभी कार्य अस्त-व्यस्त होने के कारण प्रदेश के 75 प्रतिशत लाइसेंस धारक नियतकालिक प्रतिवेदन जमा नहीं कर सकें. जिन्हें विभाग ने विधि माप विज्ञान प्रवर्तनों 2011 की अनुसूची 11 में नियतकालिक प्रतिवेदन के लिए राजी नामा शुल्क जमा करने के लिए कहा गया. सदस्यों ने पैनल्टी की चालान भी जमा कराई गई हैं. अब उनके लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है. सदस्यों ने अवगत कराया गया कि विगत 20 वर्षों में कोई भी लाइसेंस नियतकालिक प्रतिवेदन जमा नहीं होने के कारण निलंबित नहीं की गई है. विधि माप विज्ञान के नियम में जब इसके लिए पैनल्टी का प्रावधान हैं, तो विभाग द्वारा अनुज्ञप्ति धारकों को प्रताड़ित करना न्याय संगत नहीं हैं. बैठक में निर्णय लिया गया कि इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर की जा रही कार्यवाही का पूरे जोर से विरोध किया जाए और शासन को अवगत कराया जाए.

छत्तीसगढ़ शासन के नितियों के अनुरूप स्वरोजगार और प्रदेश के युवकों को रोजगार प्रदान करने के लिए विभाग की सहभागिता निभाते हुए लाइसेंस के लिए आवेदन देने वाले को यथा शीघ्र लाइसेंस बिना कोई परेशान किए शासन द्वारा निर्धारित समय पर प्रदान किए जाए. प्रदेश में बिना लाइसेंस माप तौल उपकरण बेचने एवं सुधारने वालों को मुख्य धारा में जोड़ते हुए उनके लाइसेंस के लिए आवेदन लेकर उन्हें अनुज्ञप्ति प्रदान किए जाए. जिससे रोजगार के अवसर प्रदेश में बढ़ेंगे.