सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ पिछले 11 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. राजधानी रायपुर के ईदगाहभाठा समेत सभी जिले में पटवारी धरने पर बैठे हैं. जिलाध्यक्ष शिव कुमार साहू का कहना है कि मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में राजस्व पटवारी संघ धरने पर बैठे हैं. जिसमें हमारी एक मांग यह भी है कि हमें किसी तरह का संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है. हमें लैपटॉप देने, पदोन्नति, मुख्यालय में रहने की बाध्यता समाप्त करने समेत कई मांग है.

कुछ पटवारियों के समर्थन ना करने को लेकर कहा कि प्रदेश में करीब 5 हजार पटवारी है. उनमें से 200 पटवारी हमारे समर्थन में नहीं है. बाकी सभी लोग धरने पर बैठे हुए हैं. 14 दिसंबर से हम आंदोलनरत है. जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, हम धरने पर बैठे रहेंगे. राजस्व पटवारी संघ उपाध्यक्ष सुमित गोड़बोले ने कहा कि कल मंत्रालय से हमें बुलावा आया था. अधिकारियों से चर्चा हुई है. प्रांत अध्यक्ष यहां पर आएंगे और उसके बाद हम आगे की रणनीति बनाएंगे.

ये हैं इनकी मांगे

  • भुईयां की समस्या दूर करते हुए संसाधन की मांग.
  • वरिष्ठता के आधार पर जिनकी उम्र 45 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुका हो, ऐसे पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर सीधे पदोन्नत किया जाए. राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों का 50 प्रतिशत पद पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत दिया जाए.
  • शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो जब तक विभागीय जांच पूर्ण न हो जाये, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारम्भिक एफआईआर दर्ज न हो.
  • मंहगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति माह 1000 प्रति किया जाए.
  • स्टेशनरी भत्ता 1000 रू प्रति माह किया जाए और इसे प्रतिवर्ष बढ़ाया जाए. साथ ही पटवारियों को अपनी कार्य संपादन करने के लिए कार्यालय के लिए किराये का भुगतान हो.
  • नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को भी नक्सल भत्ता प्रदान किया जाए.
  • मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त हो
  • अतिरिक्त हल्के के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50 प्रतिशत राशि भत्ता दिया जाए.
  • वेतन विसंगति दर किया जाए.