रायपुर। कांग्रेस की उपनेता प्रतिपक्ष रेणु जोगी ने पीसीसी की नोटिस का करारा जवाब दिया है. रेणु जोगी ने महामंत्री गिरीश देवांगन को लिखे पत्र में नोटिस भेजे जाने पर आश्चर्य जताते हुए पीसीसी को आडे हाथों लिया. रेणु जोगी ने लिखा, ” केवल पति के बगल में बैठने और त्यौहार के दिन सपरिवार साथ रहने के कारण मुझे यह नोटिस दिया जाना आश्चर्यजनक, दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. कई बार एक परिवार के सदस्य अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा से भी जुड़े होते हैं. इसका मतलबव यह नहीं कि वे पारिवारिक कार्यक्रमों में एक साथ कहीं आ जा नहीं सकते.”
उन्होंने लिखा है, “ये भारत का और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का लोकतंत्र है, जो एक महिला को उसका पत्नी धर्म और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने से न संविधान रोकता है और न ही कोई राजनीतिक दल बंदिश लगाता है.
रेणु जोगी ने अपने जवाब में बताया है कि वे नवाखाई का त्यौहार मनाने अपने परिवार के साथ जोगीसार गांव गई थीं. जो कि पिछले कई वर्षों से लगातार जा रही हूं. जहां अपने इष्ट मित्रों एवं ग्रामवासियों के साथ अपने खेत का पहला अनाज परिवार के इष्ट देवता ‘जोगी बाबा’ को अर्पित कर भोग लगाते हैं. यह एक निजी धार्मिक और परंपरागत त्यौहार है जो घर के आंगन में मंच बनाकर संपन्न हुआ था.
न मैं किसी अन्य दल की यात्रा में शामिल हुईं, न मैंने किसी अन्य दल के मंच से भाषण दिया और न ही मैंने अपनी पार्टी के विरुद्ध कहीं भी कुछ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की. उन्होंने लिखा यह सच है कि मैंने इस नवाखाई कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए व्यक्तिगत तौर पर आभार व्यक्त किया था.
उन्होंने लिखा इसके पहले टीएस सिंहदेव नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय से मुझे 04.11.2017 को पीएल पुनिया, महासचिव अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी द्वारा विधायक दल की बैठक लिए जाने की सूचना मिली थी किन्तु मैंने नवाखाई के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अपनी असमर्थता प्रगट की थी.
यह भी पढ़ें पीसीसी ने दिया रेणु जोगी को नोटिस, सात दिनों में मांगा जवाब