रायपुर। देश के किसानों के आन्दोलन के एक महीने पूरे होने और इस आंदोलन के प्रति सरकार के दुष्प्रचार का तीव्र विरोध करते हुए माकपा कार्यकर्ताओं ने अश्वनी नगर में रैली निकालकर थाली बजाया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री को जागने और किसान के मांगों का समाधान निकालने की मांग की. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी. प्रदर्शन के बाद मोमबत्ती जलाकर शहीद किसान साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

माकपा के जिला सचिव प्रदीप गाभ्ने ने कहा कि सरकार जिस तरह से किसानों के साथ बर्ताव कर रही है, वह शर्मनाक है. माकपा के राज्य सचिव मण्डल सदस्य धर्मराज महापात्र ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर एकाएक 5000 किसानों के आ जाने से यहां पर विरोध कर रहे किसानों की संख्या में भारी वृद्धि हो गई है. अब इनकी संख्या कुल 12000 से ज्यादा हो गई है. इन सभी को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सरकारों ने कुछ दिनों से आने से रोका हुआ था. इस बीच शाहजहांपुर में महाराष्ट्र से 1000 किसानों के आने से वहां पर भी संख्या बढ़ गई है और दोनों तरफ का आवागमन रोक दिया गया है.

इसके साथ ही तीन कृषि कानूनों का विरोध और मजबूती पकड़ रहा है. इन कानूनों से भारत सरकार विदेशी को घरेलू कॉर्पोरेट को खेती की प्रक्रिया, बाजार, बिक्री, भंडारण, प्रसंस्करण व खाद्य श्रंखला पर नियंत्रण बढ़ाना चाह रही है. यह कानून देश के गरीबों की खाद्यान सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती हैं. इनसे राशन व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी और 75 करोड़ लाभार्थियों को कॉर्पोरेट के नियंत्रण वाले बाजार से, जिसमें जमाखोरी और कालाबाजारी की छूट होगी, खाना खरीदना होगा. इसलिए यह देशविरोधी कानून है जिसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कल शहर के ट्रेड यूनियन, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता किसान संगठनों के कार्पोरेट विरोधी दिवस के आव्हान के तहत 1 बजे रिलायंस पेट्रोल पंप पर प्रदर्शन करेंगे और आम जनता से अदानी, अम्बानी के सेवा व उत्पादों के बहिष्कार कि अपील करेंगे.