हेमंत शर्मा, रायपुर। खुड़मुड़ा हत्याकांड मामले में विभिन्न बिन्दुओं पर जांच में उलझी पुलिस को अब सही दिशा मिल गई है? फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ डीके सतपथी की माने तो हत्या दुलारी बाई से संबंधित या फिर जमीन से संबंधित हो सकती है। लल्लूराम डॉट कॉम से विशेष बातचीत में डॉ डीके सतपथी ने विस्तार से बातचीत की है। उन्होंने क्या कहा पढ़िये-

उस पूरे परिवार में मात्र 3 जीवित प्राणी है। जिनमें से वो 11 साल का बच्चा है। बाकी सब छोटे हैं। इस मामले में जो बच्चा बोल रहा है उसी की बातों को हमे सुनना है क्योंकि वही एक जीवित साक्ष्य है तो फोरेंसिक एक्सपर्ट मेरा ये कर्तव्य था कि वो लड़के का मेन्टल आईक्यू लेबल उसको मैं टेस्ट करूं कि क्या इसका दिमाग इतना परिपक्व है कि जो इस मामले में इसकी बातों को सत्यता लेकर मैं इतने आदमियों से पूछताछ कर आगे बढूं।

डॉ डी.के. सतपथी

इस मामले में मैंने डिफरेंट समय में उससे बयान लिए। हमने अंत मे देखा कि सभी बयान में कोई हेरफेर नहीं है एक ही है। हम फिर उसे घटनास्थल लेकर गए। घटना स्थल में बिना किसी सवाल किए उसको इतना ही पूछा कि घटना दिनांक को क्या हुआ?

उसने नीम के पेड़ के नीचे अपनी बहनों के साथ खेलना.. इतने में वो मेहमान का आना.. इसके बाद दादी का उसके घर मे आकर परिचय कराना कि ये हमारे दूर के रिश्तेदार का रिश्तेदार है ये। इसे ये लगता है कि जो भी मेहमान आया था उसका मृतक रोहित और उसकी पत्नी से कोई परिचय नहीं है। बालाराम की पत्नी ने उसका परिचय कराया। अब हमको यह देखना है कि इस परिवार का कौन कौन परिचित यहां आ सकता है। घटनास्थल पर चार हत्याएं हुई है।

हत्या में एक से ज्यादा लोग शामिल

चारो का वजन यदि देखेंगे तो 75 किलो से कोई कम नहीं है। डिफरेंट जगह में उनकी हत्या हुई है। उन तीनों लाशो को टैंक के पास लाना। वहां पर कोई घसीटने का निशान नहीं है। यदि किसी को मारने के बाद घसीटता हूं तो खरोंच का निशान होना चाहिए। कपड़े में भी घसीटने के निशान नहीं है तो इनको सशरीर उठाकर उस टैंक में डाला गया है। ये एक आदमी का काम नहीं है। एक से अधिक व्यक्ति इसमें इन्वाल्व है। सवाल ये उठता है कि जो व्यक्ति यहां पर आया था तो उस वक्त एक ही व्यक्ति उस कैम्पस में देखा गया है क्योंकि बच्चे के कथन के अनुसार वो एक व्यक्ति ही था जो इस पर हमला किया तो बाकी आदमी इसके पहुंचने के बाद उसके इशारे से आए होंगे।

दुलारी बाई ही मार्केट आती थी बाकी सब घर मे रहते थे। दुलारी बाई का मार्केट में आना-जाना लगा रहता था। उस मार्केट से ऐसी जानकारी मिल सकती है, क्योंकि वो दुलारी बाई के लिए आए हो।

दूसरा क्या जमीनी विवाद तो नहीं है? यदि बालाराम की हत्या हुई है तो फिर तो जमीन विवाद हो सकता है। इसमें दो ही एंगल हैं, घटनास्थल पर तमाम तरह के हथियार है पर किसी चीज का उपयोग नही किया गया था। जो अपराधी है वो अपने साथ हत्या कारक हथियार नहीं लाए थे। हत्यारा किसी के यहां हत्या प्लांट करके जाएंगे तो ऐसा नहीं सोचेगा कि वहीं के किसी चीज का इस्तेमाल करके हत्या करूँगा। अपने साथ कोई न कोई हथियार लेकर जाते लेकिन वहां ट्रेडिशनल वेपन उपयोग नहीं हुआ है।

हत्यारे के नजदीक पहुंचे

यह तात्कालिक घटना हो सकती है। जो सस्पेक्टेड आदमी है उसकी खोज 70 प्रतिशत तक हो चुकी है। बालाराम के पुस्तैनी गांव में भी पड़ताल चल रही है। इसके अलावा जो अपराधिक प्रवृत्ति के आदमी हैं खासकर के बाग बगीचा से जुड़े आदमी उनकी भी खोजखबर चल रही है।