सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना वैक्सीन की स्थिति को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि ऑक्सफोर्ड वाली इंग्लैंड की मेडिसिन रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अनुमति दी है, उनकी अनुमति के बाद अब भारत के समकक्ष संस्था को अनुमति का इंतजार है, इसके बाद वेक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उपलब्ध हो जाना चाहिए, वहीं वैक्सीन को लेकर काफी समय से इंतजार था जो अब पूरा हो गया है.
इसके अतिरिक्त रिसर्च भी आगे बढ़ रही हैं. और कोरोना वायरस के रिसर्च में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें यह पाया जा रहा है कि जो जेनेटिक संदेश से जो शरीर में वायरस का प्रेजेंस आ रहा था, उसके लिए प्रोटिंस को चिन्हांकित कर लिया गया है. 20 ऐसे करीब मॉलिक्यूल है जो रिसर्च में सामने आए हैं, जिनके आधार पर कोरोना के बढ़ने की संभावना को बहुत हद तक सीमित किया जा सकेगा.
वैक्सीन से कोई नुकसान नहीं
विज्ञान काफी तेजी से हित में काम कर रहा है. इनके परिणाम आ रहे हैं. अभी यह मान के चला जा रहा है कि 75 फीसदी सीधे ही लाभ मिल जाएगा, और जिनके ऊपर अभी इसका प्रयोग हुआ है, कोई भी मामला ऐसा नहीं आया है कि इसके प्रयोग के बाद में 14 दिन से ज्यादा भी सिम्पटमैटिक या किसी विपरीत प्रभाव में पेशेंट दिखेंगे. रिसर्च एक ग्राउंट ब्रेकिंग रिसर्च हो सकता है. आने वाले दिनों में प्रमाणित हुआ तो ऐसे भी कोविड के क्षेत्र में कार्य हो रहे हैं, जो विश्व के लिए एक कोविड की छाया में बीते 2020 के अंतिम दिनों में अच्छी खबरें आई.
एक बार ब्रिटेन ने जो अभी तक मंजूर नहीं किया उनकी एजेंसी ने अगर मंजूरी दे दी तो वह स्टेप 1 है, करीब से गुजरने वाला स्टेप 2 होगा. मुझे नहीं लगता कि 5,7 दिन से ज्यादा इसमें लगना चाहिए क्योंकि रिसर्च के डॉक्यूमेंट्री पेपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होते हैं देश की एजेंसी उसकी समीक्षा कर लेगी, और जैसे ही अनुमति देती है, तो 5 करोड वैक्सीन का मुझे अनुमान है कि इस कंपनी के पास करोड़ वैक्सीन तैयार है और वह उपलब्ध हो जाएंगे.
6 महीने में 30 करोड़ को लगेगा वैक्सीन
पहले 6 महीने में 30 करोड़ वैक्सीनेशन का टारगेट है. अभी देश की तरफ से जो खरीदी के आर्डर के संकेत मिले हैं, वह विश्व में सबसे ज्यादा 160 करोड़ वैक्सीन के प्रबंधन की बात हो रही है. 80 करोड़ लोगों को लगने वाली वैक्सीन का टारगेट है. पहले 6 महीने में फ्रंटलाइन वर्कर्स और बाकी लोग आएंगे. उनको जून-जुलाई तक यह जो 30 करोड़ का टारगेट है. यह पूरा करने का लक्ष्य है. अभी भी हमको यह नहीं सोचना कि वैक्सीन आ गई, तो सब ठीक हो गया. 6 महीने की तो केवल 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगने की बात आएंगी.
पहले डोज के बाद कितने दिनों में दूसरा डोज लगेगा. यह भी क्लियर होने की स्थिति है. 2 से 8 सप्ताह की बात है दूसरा डोज कारगर कब तक रहेगा. यह भी थोड़ा ग्रे एरिया मान सकते हैं. पहले हम सोच रहे थे कि 21 और 28 दिन में दूसरा डोज लगेगा. अभी संकेत आ रहे है कि दो से 8 हफ्ते के बीच में जो डोज लेते हैं तो उसकी कारगरता पूरी तरह से प्रामाणिक मानी जाएगी, यह भी बातें आने वाले दिनों में सामने आ जाएगी.