सुप्रिया पांडे,रायपुर। आज छत्तीसगढ़ की तमाम दुकानें इसलिए बंद है, क्योंकि प्रदेश भर के कर्मचारी राजधानी के बूढ़ा तालाब में धरना दे रहे है. राज्य सरकार से 5 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे है. प्रदेश भर से 10 हजार कर्मचारी धरने में शामिल हुए और अपने एक दिन का काम बंद कर प्रदर्शन कर रहे है. धरने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष इश्वरी साहू ने बताया कि आज अपने एक दिन का काम बंद किया है. प्रदेश के सभी राशन दुकान बंद है. परिवहन बंद है. इसके साथ ही धान खरीदी केन्द्रों में टोकन काटना भी बंद कर दिया गया है.

इश्वरी साहू ने बताया कि हम धान खरीदी की निति में अनुबंध और संसोधन चाह रहे है. केन्द्रों में परिवहन नहीं हो रहा है. जिस वजह से धान जाम होने लगे है. साथ ही जिन खर्चो को परिवहन व मिलर्स द्वारा वहन किए जाते थे, उन खर्चों को भी इस बार हमारी तरफ जोड़ दिया गया है. हमारी दूसरी मांग है कि हम सेवानियम में संसोधन चाहते है. तीसरी मांग है कई जिलों के समिति कर्मचारियों को अब तक वेतन नहीं मिला है, हम शासन से अनुदान राशि की मांग कर रहे है.

चौथी मांग है कि जिला सरकारी केन्द्रीय बैंकों में स्टॉफ की कमी को पूरा करे और उसमें नियुक्तियां समिति के सदस्यों की हो, हमारी पांचवीं और आखरी मांग है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि जो समिति पीडीएस की 3 दुकान से अधिक चला रहे है, उनको निजी हाथों या समूह में दिया जाए. हम चाहते है कि उन दुकानों को भी समिति ही चलाए.

इन मांगों को लेकर 4 से 5 हजार लोग इस धरने में शामिल हुए है. जिसमें धान खरीदी केन्द्रों के समिति प्रबंधक, समिति कर्मचारी, विक्रेता चौकीदार सभी शामिल है. यदि मांगे पूरी नहीं होती है, तो आगे की रणनिति तय कर बड़े पैमाने पर अनिश्चितकालिन धरना देने का विचार किया गया है.

बता दें कि बूढ़ातालाब धरना स्थल में लेखपाल, लिपिक सह आपरेटर, विक्रेता, भृत्य, चौकीदार शामिल है, कर्मचारियों ने तहसीलदार प्रमोद पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है और जल्द ही अपनी मांगों को पूरा करने की बात कही है. कर्मचारियों का कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता, तो वे अनिश्चितकालिन धरना देने को बाध्य होंगे.