शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। राजधानी की राजेन्द्र नगर पुलिस पर आरोप है कि चाकूबाजी करने वाले बदमाशों की बजाय पुलिस ने घायल युवकों पर ही कार्रवाई कर दी। जिससे गुस्साए स्थानीय निवासियों ने राजेन्द्र नगर थाना का घेराव कर दिया। गुस्साए नागरिकों ने घंटों थाना परिसर में हंगामा किया। तनाव के बीच बड़ी संख्या में पुलिस बल को थाना में तैनात किया गया। वहीं एएसपी, सीएसपी सहित कई थाना प्रभारी भी राजेन्द्र नगर थाना पहुंचे।

प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवासी लीलाधर चंद्राकर ने बताया बीते दिनों 1 जनवरी की देर रात असामाजिक तत्वों द्वारा महात्मा गांधी नगर के लड़कों पर चाकू से हमला किया गया था। जिसके बाद हमने घटना की विधिवत रूप से थाना में शिकायत दर्ज कराई थी,। लेकिन जिन लड़कों पर हमला किया गया था उल्टा पुलिस ने उनके ऊपर धारा 452 की कार्रवाई करते हुए थाना में बैठा लिया था। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई है। जिसके चलते आरोपियों की गुंडागर्दी इतनी बढ़ गई कि वे कॉलोनी में महिलाओं को सीधे जान से मारने की धमकी देते हैं। जिसके विरोध में हम आज थाना का घेराव किये हैं। पुलिस की कार्रवाई देखते हुए लग रहा है कि पुलिस की आरोपियों के साथ सांठ गांठ है। थाना क्षेत्र में पिछले लंबे दिनों से अवैध कारोबार चल रहा है। जुआ, सट्टा, गांजा, दारु सब चीज खुले आम चल रही है। हमारा प्रशासन से निवेदन है कि इस पर तत्काल लगाम लगाई जाए।

वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले ने कहा कि 1 जनवरी को चाकूबाजी की घटना हुई थी। जिसके विरोध में कुछ लोगों ने थाना में आकर हंगामा किया है। पुलिस शिकायत दर्ज करने के बाद मामले की कुछ जांच पड़ताल करती है। सीधे गिराफ्तारी नहीं की जाती। सभी लोगों को समझाइश देकर वापस भेज दिया गया है। घटना के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।