भोपाल। मध्य प्रदेश में आज शिवराज सरकार का तीसरा कैबिनेट विस्तार हो गया. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाई. वहीं सिंधिया समर्थक दोनों मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है.

गोविंद सिंह राजपूत को मंत्रिपद की शपथ लेने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. मैं आश्वस्त हूं कि आप पूरी निष्ठा, समर्पण और सेवाभाव से मध्यप्रदेश के कल्याण और प्रगति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और एक आत्मनिर्भर मप्र के निर्माण में योगदान देंगे.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रविवार को भोपाल पहुंची. इसके बाद राजभवन में शिवराज सरकार के दो नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. माना जा रहा है कि गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम को पूर्व के विभागों की ही जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन, तुलसी सिलावट जल संसाधन विभाग का जिम्मा मिल सकता है, क्योंकि पहले यही विभाग इनके पास थे.

पिछले साल मार्च में सरकार गठन के बाद सबसे पहले 5 मंत्रियों ने शपथ ली थी. फिर 2 जुलाई को 28 मंत्रियों ने शपथ ली. इस तरह से राज्य में कुल 33 मंत्री हो गए थे. एमपी कैबिनेट में मुख्यमंत्रियों समेत मंत्रियों की संख्या अधिकतर 34 हो सकती है. मौजूदा समय में शिवराज कैबिनेट में 6 मंत्री पद के जगह खाली थे, लेकिन दो ही मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन दोनों मंत्रियों को बधाई दी. ट्वीट कहा कि साथी तुसली सिलावट को मंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई. अब एक नई ऊर्जा के साथ हम साथ मिलकर मध्यप्रदेश की प्रगति एवं विकास के लिए कार्य करेंगे. मुझे विश्वास है कि सशक्त और समर्थ आत्मनिर्भर मप्र के निर्माण का सपना तेजी से साकार होगा.

बता दें कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को शिवराज सरकार की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था, जिनमें से दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने 6 महीने  का कार्यकाल पूरा होने के बाद उपचुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा उपचुनाव में तीन मंत्रियों की हार हो गई. इस हार के बाद इमरती देवी, गिर्राज डंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना ने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.