नई दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दो कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। ये कोरोना वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है। दो पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरुर और जयराम रमेश ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने पर सवाल उठाए हैं और चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों को किनारे रखकर वैक्सीन को हरी झंडी दी गई है, यह खतरनाक हो सकता है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, “कोवैक्सिन ने अभी तक फेज-3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है। इस्तेमाल की स्वीकृति समय से पहले दी गई है जो खतरनाक हो सकती है। डॉ हर्षवर्धन कृपया स्थिति स्पष्ट करें। जब तक इसका ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए। इस बीच भारत टीकाकरण अभियान की शुरुआत एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ शुरू कर सकता है।”
The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
जयराम रमेश ने भी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन को अनुमति देने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “भारत बायोटेक पहले दर्जे की कंपनी है, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि इसकी वैक्सीन Covaxine के लिए फेज-3 के ट्रायल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल संशोधित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।”
Bharat Biotech is a first-rate enterprise, but it is puzzling that internationally-accepted protocols relating to phase 3 trials are being modified for Covaxin. Health Minister @drharshvardhan should clarify. pic.twitter.com/5HAWZtmW9s
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 3, 2021