रायपुर। बीजेपी एसी में बैठने वाली या फाइव स्टार वर्किंग वाली पार्टी नहीं है. पार्टी नेता, पदाधिकारी और प्रभारी ग्रास रूट लेवल तक जाकर संगठन को मज़बूती देने के काम में जुट जाए. संगठन को यहाँ तक पहुचाने वाले ऐसे नेता जो उपेक्षा से नाराज़ होकर घर बैठ गए हैं, उन्हें वापस सम्मान के साथ पार्टी से जोड़ा जाए. वहीं जिलों के प्रभारी जिलों में जाए तो जिला अध्यक्ष से खुद को ऊपर न समझे. यह सख्त संदेश प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने भाजपा की संगठनात्मक बैठक में मौजूद लोगों को दिया.

बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने बताया कि प्रदेश प्रभारी का दायित्व सौंपने के बाद एक पहली बैठक हुई थी, और उसके बाद आज दूसरी बैठक एक महीने बाद हुई है. बैठक में जो दिशा निर्देश दिए थे, उसका रिव्यू लेने आज आए थे. संगठन विस्तार और सभी प्रभारियों के गठन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सशक्त रूप प्रदान करने एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, पार्टी को जड़ से मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने आगामी रणनीतियों पर कहा कि पार्टी वर्तमान मुद्दों पर लड़ाई लड़ेगी. वर्तमान में धान खरीदी के मुद्दे पर किसान को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार किसानों की विरोधी हो चुकी है पर राज्य सरकार किसानों के पक्ष में है ही नहीं. धान खरीदी में राज्य सरकार को धान खरीदी का कोटा 28 लाख मीट्रिक टन का दिया गया था, जिसे वह पूरा नहीं कर पाई यही नहीं 9 हजार करोड़ की राशि केंद्र की ओर से दी गई थी, उससे भी वह कलेक्ट नहीं कर पाई.

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि आज बोरियों की बात कर रहे हैं. बारदाना की आपूर्ति का जिम्मा राज्य सरकार का होता है, उन्हें सभी जानकारी रहती है कि कितना धान हम खरीद रहे हैं, और कितनी बोरियां हमें चाहिए. फिर भी वह उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. एक ओर केंद्र सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है. प्रदेश किसान जानते हैं कि राज्य सरकार किसानों के हित में नहीं है,

किसानों के प्रदर्शन और कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि पहले हम राज्य सरकार से हिसाब मांग रहे हैं, जो 9000 करोड़ की राशि किसानों से धान खरीदी के लिए दिया गया था, उसका क्या किया गया. उसका हिसाब प्रदेश के लोगों और किसानों को देना है. राज्य सरकार किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है. 1 एकड़ में 15 क्विंटल धान खरीदी के बात करती है, जबकि हम मांग करते हैं 25 क्विंटल धान की खरीदी होनी चाहिए. इसलिए किसान राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं इसे समझने की आवश्यकता है और हम किसानों के साथ है, और कांग्रेस किसानों के विरोध में.

बैठक पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक कहा कि पिछली बार जो दिशा निर्देश जारी किया गया था, उसके तहत जिला अध्यक्ष और बाकी नियुक्त पूर्ण हो चुकी है, जिन्हें प्रभार मिला है, उनकी पहली बैठक थी. बैठक में निर्देशित किया गया है कि हमारा कार्य केवल लोगों से मिलकर आना नहीं है, निचले स्तर तक संगठन की सक्रियता कैसे बढ़े इस पर जोर देना है. मंडल से लेकर के बूथ तक कार्यकर्ताओं को एक्टिवेट कैसे किया जाए, इस पर मार्गदर्शन दिया गया है. इससे संगठन की सक्रियता बढ़ेगी.

कांग्रेस द्वारा धान खरीदी बीजेपी पर भ्रम फैलाने के आरोप लगाने पर कौशिक ने कहा कि बहुमत के साथ कांग्रेस यहां सरकार पर बैठी है, और भ्रम फैलाने का आरोप लगा रही है यह तो हंसी-मजाक की बात है. दरअसल, जो लक्ष्य पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने नहीं दिया था उसे पूरा करने में कांग्रेस विफल रही. एफसीआई में चावल जमा करने सितंबर माह का समय दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने दिसंबर माह का समय मांगा और अब तक जम नहीं कर पाई.

कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार को पिछले साल का हिसाब-किताब देना चाहिए, फिर नए साल की तैयारियां करनी चाहिए. वे केवल आरोप लगा रहे हैं. दिल्ली कूच करने से उन्हें कोई नहीं रोक रहा है, यदि कोई कंफ्यूजन है तो आप उसे दूर कर सकते हैं. जन घोषणा पत्र में आपने अपने दम पर हुंकार भरते हुए वादा पूरा करने की घोषणा की थी, जो घोषणा की है वह पूरा करें.