सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद छत्तीसगढ़ में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ पशु संचालनालय की ओर से 9 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.
अधिकारियों को जारी किए गए दिशा ने निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से जो गाइड-लाइन तय किए गए उसके मुताबिक सावधानियां बरतनी है. राज्य के सीमावर्ती इलाकों को खास तौर पर अमला को सक्रिय रहना होगा. गाइड-लाइन में पोल्ट्री फार्म, जू-पार्क, जंगल सफारी में विशेष सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
गाइडलाइन में कहा गया है कि भारत के केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं हिमांचलप्रदेश में पाए गए मृत पक्षियों (बतख, कौवे एवं प्रवासी पक्षियां) में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि होने के पश्चात भारत शासन के दिये गए दिशानिर्देश अनुसार रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के दिशा निर्देश का पालन किया जाना है. बर्ड फ्लू रोग पक्षियों का संक्रामक एवं घातक रोग है, जिससे बैकयार्ड पोल्ट्री पालक एवं पोल्ट्री व्यवसायों को अत्यधिक हानि होता है एवं यह रोग मनुष्यों को भी संक्रमित करता है.
जारी गाइडलाइन के प्रमुख बिंदू-
1. भारत सरकार के विभागीय वेबसाईट (www.dahd.nic.in) से, बर्ड फ्लू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में दिये गए कार्ययोजना का साक्षर पालन करें..
2. भारत सरकार के गाइड लाईन्स में दिये गए सैम्पल साईज का पालन करते हुए नमूने एकत्र कर पाक्षिक अन्तराल में, राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, रायपुर को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करे.
(minimum) serum 6 sample/6 cloacal swab/6 Tracheal Swab (VTM) Pooled cold chain मे) इस संदर्भ में समन्वय स्थापित कर कार्य करे.
3. विकारीय सामग्री (perishable good) विक्रय करने वाले बाजार wet market, poultry market chain supply areas, बतख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी करावें..अचानक पक्षियों मे (बतख, कौवे, कुक्कुट एवं प्रवासी पक्षियां) बड़ी संख्या में मृत्यु होने पर बायो-सेक्यूरिटी नियमों का पालन करते हुए मृत पक्षियों का नमुना एकत्र कर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, पंडरी, रायपुर से समन्वय बना कर NIHSAD Bhopal को प्रेषित करना सुनिश्चित करें.
4. वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अक्सर अप्रवासी पक्षियों के देखे जाने वाले क्षेत्र जैसे- राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हाकित कर उन क्षेत्रों के समीप के poultry population के surveillance (निगरानी) and sero surveillance हेतु विशेष कार्ययोजना बना कर उस पर अमल करें। 5. प्रचार प्रसार द्वारा पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों (population at risk) को बर्डफ्लू रोग के zoonotic importance एवं रोकथाम संबंधी जानकारी से अवगत करावें..
6. बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को, पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरन्त निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में देने संबंधी जानकारी देवें..
7. भारत सरकार के गाइड लाइन्स में रोग उदभेद की स्थिति से निपटने आवश्यक उपकरण, रसायन एवं पी.पी.ई किट तैयार रखें..
8. जिले के शासकीय व निजी पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नियमों से अवगत करावे एवं उनका पालन किये जाने संबंधी निर्देश पारित करें..
9. बर्ड पलू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में किये गए कार्यों का प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को पाक्षिक (15 दिवस अन्तराल में) प्रस्तुत करे..