हेमंत शर्मा रायपुर। कोरोना काल में लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामाना करना पड़ा. कई की नौकरी चली गई. व्यापार चौपट हो गया. लेकिन इस मुसीबत के समय में भी रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने बंपर कमाई कर डाली. ताजा आंकड़े के मुताबिक, कोरोना साल 2020 में ट्रैफिक विभाग ने 81 हजार 288 चालानों में 3 करोड़ 51 लाख 31 हजार 900 रुपये का शमन शुल्क वसूला है. यह रकम 2019 के मुकाबले ज्यादा है. वर्ष 2019 में 3 करोड़ 5 लाख 34 हजार 700 रुपए शमन शुल्क वसूला गया था. सबसे ज्यादा बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों पर 2020 में कार्रवाई हुई.

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में नगरों के विस्तार के साथ साथ सड़कों पर यातायात का दबाव काफी बढ़ा है. सड़कों में वाहनों की संख्या पर लगातार वृद्धि भी हो रही है. 2019 में जो वाहनों की संख्या थी, उसकी 2020 में संख्या काफी बढ़ी है. 2019 में चालान का जो प्रतिशत 3 करोड़ 5 लाख था और 2020 में शमन शुल्क बढ़कर 3 करोड़ 51 लाख हो गया.

 ई-चालान से एक करोड़ रुपए वसूले

वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लोग जो दूसरे जिले से आते है उनकी संख्या में वृद्धि हो रही है. ई-चालान के द्वारा 1 करोड़ के आसपास शमन शुल्क वसूला गया है. सड़कों का विस्तार और वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण चालान की संख्या भी बढ़ रही है. 2020 में 81 हजार वाहनों चालको से शमन शुल्क लिया गया है.

जनवरी से मार्च तक का अभियान हमने 18 हजार से अधिक बिना हेलमेट के वाहन चालको से शुल्क वसूल किया है, रॉन्ग साइड, तीन सवारी इन सभी पर कार्रवाई के लिए हमने फोकस किया.

ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी कई लोग थे जो अनावश्यक रूप से घूम रहे थे. ऐसे वाहन चालकों पर भी अलग-अलग टीम बनाकर कार्रवाई की है. इस दौरान भी कार्रवाई काफी अधिक रही. 2020 में 15 हजार से अधिक लोगों का शमन शुल्क वसूल किया है. इसमें से साढ़े तीन हजार लोगों ने ऑनलाइन और 10700 लोगों ने आफिस आकर पटाया है.

सड़क सुरक्षा कोष में जमा होता है चालान वसूली का रकम

सड़क सुरक्षा कोष बना हुआ है जो भी शमन शुल्क और राशि हम लोग जमा करते है. उसके बाद वो राशि पुलिस मुख्यालय को मिलता है और पुलिस मुख्यालय द्वारा अलग अलग जिलों में उस राशि का आबंटन किया जाता है. इस पैसे से संसाधनों का भी क्रय किया जाता है.

सड़क दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़ी

2020 में जो सड़क दुर्घटना हुई है उसमें 482 लोग की मौत हुई है. 2020 में एक्सीडेंट की संख्या और घायलों की संख्या में कमी आयी है लेकिन मृतकों की संख्या में 2019 के मुकाबले इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के बाद जब अचानक से भिड़ बढ़ी इसके कारण एक्सीडेंट की संख्या का ग्राफ बढ़ा है. अक्टूबर, नवंबर और दिसम्बर में सड़क दुर्घटना की संख्या काफी बढ़ी है. बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले 90 प्रतिशत व्यक्ति एक्सीडेंट का शिकार हुए है, शराब भी एक कारण निकल कर आया है. शाम के समय 6 से 9 बजे के बीच दुर्घटना का ग्राफ काफी बढ़ा है. 2021 में यह प्रयास कर रहे है कि जो 2020 में दुर्घटना का मूल कारण निकल कर सामने आया है उस पर कमी लायी जा सके और एक्सीडेंट का ग्राफ कम हो. दुर्घटना के शिकार होने वालों में 19 साल से 35 साल के व्यक्ति अधिक है.