रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के किसानों पर दिए गए उनके बयान  को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी की है. भूपेश बघेल ने कहा ये किस मुंह से बात करते हैं. इन लोगों को शर्म नहीं आती. एक तरफ कहते हैं कि बोनस मत दो दूसरी तरफ कहते हैं कि किसान को 2500 रुपये क्यों नहीं दे रहे हो.

बघेल ने कहा कि रमन सिंह और भाजपा का दोहरा चेहरा जनता के सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि इन्हें शर्म नहीं आ रही है, अपने समय में जुबान नहीं खुली और आज भी वे किसानों के हक में नहीं बोल रहे हैं. ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है. भूपेश बघेल ने कहा कि क्या रमन सिंह को प्रदेश की जनता ने नहीं चुना है. क्या वे किसानों के हक में नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते केंद्र सरकार ने बोनस पर रोक लगाई थी तब उन्होंने कहा था -‘आप हमें प्रधानमंत्री के पास लेकर चलें, आप चुपचाप बैठे रहिएगा बाकि बात हम लोग कर लेंगे.’ गौरतलब है कि रमन सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं तो प्रधानमंत्री से बात वे करें.इस पर भूपेश बघेल बिफर गए.

भूपेश बघेल ने कहा कि इन लोगों ने 15 साल के शासनकाल में कभी 15 लाख से ज़्यादा किसानों से खरीदी नहीं की. कभी 50 लाख टन मीट्रिक टन से ज़्यादा धान की खरीदी नहीं की. ये किस मूंह से किसानों की बात करते हैं. भूपेश बघेल यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि रमन सिंह के शासनकाल में 18 हज़ार रुपये सिंचाई में खर्च किए लेकिन केवल 25 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई बढ़ी. उन्होंने कहा कि ये कहते हैं कि इनके कार्यकाल में आधारभूत संरचना में विकास हुआ. अगर ये हुआ होता तो इन्हें रायगढ़,जशपुर और सरगुजा में सड़क बनाने की घोषणा ना करनी होती.

भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि जनता जान चुकी है कि केंद्र में बैठी सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. खेती को लेकर नए कानून को काला कानून करार देते हुए उन्होंने कहा कि ये किसानों के हक़ में नहीं है.

आसाम चुनाव के वरिष्ठ ऑब्जर्वर बनाने पर भूपेश बघेल ने आलाकमान को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि ये उनके लिए गर्व का विषय है. हाईकमान ने जो ज़िम्मेदारी उन्हें दी है, उसे वे बखूबी निभाएंगे. भूपेश बघेल ने नगरीय निकायों में महापौर और एमआईसी सदस्यों के एक साल पूरे होने पर उन्हें बधाई दी है.