रायपुर। प्यार में धोखा के मामले ज्यादातर नाबालिग लड़कियों के ही सामने आते हैं, लेकिन राजधानी रायपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ एक पढ़ी-लिखीं विधवा महिला प्यार में फंसकर अपना सबकुछ गवाँ बैठीं. यहाँ तक विधवा महिला एक करोड़ रुपये के कर्ज में डूब गई.
यह मामला आज जब राज्य महिला आयोग में सुनवाई के दौरान आया तो अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक भी चौंक गई. शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि उनकी भावनाओं से खिलावड़ करके एक व्यक्ति ने उनकी पूरी संपत्ति हड़प ली है. उनके ऊपर एक करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. आयोग की अध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इस मामले में अनावेदक की अनुपस्थिति पर गंभीर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक के मार्फत उसे आयोग के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश दिए.
पर्याप्त दस्जावेज प्रस्तुत करे
वहीं एक अन्य प्रकरण में आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्याय करने में सुविधा होती है. प्रार्थी एवं अनावेदक प्रकरण के संदर्भ में सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें, ताकि न्याय में अनावश्यक देरी न हो. इसी तरह एक अन्य प्रकरण में उन्होंने कहा कि पारिवारिक जीवन के सफल निर्वहन के लिए पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता हो. किसी प्रकार की अनबन होने पर पति का नैतिक दायित्व है कि पत्नि और बच्चों के सम्पूर्ण भरण पोषण के लिए ध्यान दें. इसी तरह वैधानिक तलाक के बिना दूसरी शादी करना अपराध है.
आयोग में झूठा बयान न करे
वहीं उन्होंने आवेदकों से यह भी कहा कि आयोग के समक्ष झूठा बयान न करे, ऐसे झूठे बयान पर संजीदगी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं एक प्रकरण में अनावेदक ने आवेदिका के रहने के लिए मकान की व्यवस्था और बच्चों के स्कूल फीस की व्यवस्था की सहमति दी.
प्रतिमाह 50 हजार रुपये
एक अन्य प्रकरण में भरण-पोषण के लिए पति ने पत्नि को प्रतिमाह पचास हज़ार रुपए देने सहमत हुए. कुछ माह पश्चात बच्चो के नाम 40-50 लाख की कीमत वाली फ्लैट पति द्वारा खरीदी करने पर भी सहमत हुए. आयोग ने दम्पति को आगामी मई माह में सुनवाई के लिए समय दिया है. आयोग की समझाइश पर पिता अपने बच्चों से दूरभाष पर बात करने के साथ-साथ सुविधानुसार मिल भी संकेंगे.
संयम रखें, सावधानी बरतें
आयोग के अध्यक्ष ने महिलाओ को इस बात के लिए सतर्क किया है कि प्यार के झूठे जाल में फंसकर अपनी आर्थिक स्वतंत्रतता को न खोये. इसी तरह टीनएजर अपनी संयम को बनाये रखें. समय की नजाकत को ध्यान में रखते हुए सावधानी से कार्य करें.