रायपुर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेता किसानों के नाम पर गंदी सियासत करने और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप कर अपने नाकारापन पर पर्दा डालने का शर्मनाक उपक्रम कर रहे हैं, लेकिन भाजपा कांग्रेस सरकार के किसान विरोधी चरित्र को बेनक़ाब करके किसानों के साथ न्याय करने के लिए प्रदेश सरकार को बाध्य करने में कोई क़सर बाकी नहीं रखेगी. साय ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के किसानों और सभी लोगों की नज़र से उतर चुकी है, अपना भरोसा खो चुकी है और इसलिए अब वह चाहे जितने अभियान चलाकर अपने झूठ और नफ़रत की सियासत का रायता फैला ले, लोग अब उसके झांसे में नहीं आने वाले हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों में धान ख़रीदी से बचने की अपनी साजिशाना सियासी फ़ितरत का प्रदर्शन करके किसानों को केवल ख़ून के आंसू रुलाने का काम ही किया है, और बेशर्मी की पराकाष्ठा यह है कि अपने नाकारापन पर इस प्रदेश सरकार को आज भी कोई अपराध-बोध नहीं हो रहा है. अपने मुंह मियां मिठ्ठू बन रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और कृषि मंत्री रवींद्र चौबे समेत मंत्री और कांग्रेस नेता अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं और प्रदेश के किसानों को ग़ुमराह करने में लगे हैं.

साय ने कहा कि प्रदेश की धान ख़रीदी की पूरी व्यवस्था चौपट करके भाजपा से केंद्र सरकार को पत्र लिखने को कहना प्रदेश सरकार का दिमाग़ी दीवालियापन ही इंगित कर रहा है. साय ने कहा कि बारदाना संकट प्रदेश सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा नमूना है, जिसके लिए वह केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ एक नया कपटभरा सियासी प्रलाप कर रही है. साय ने सवाल किया कि बारदाने का इंतज़ाम करना क्या राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है? प्रदेश सरकार बताए कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने धान ख़रीदी के लिए कितने बारदाने मुहैया कराए?

साय ने कहा कि झूठ का रायता फैला रही प्रदेश सरकार धान ख़रीदी के पुख़्ता इंतज़ाम करने के बजाय पूरा वक़्त केवल सियासी नौटंकियों और प्रलाप में जाया किया, जबकि देश के अनेक राज्यों, जिनमें कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन शासित प्रदेश भी हैं, की सरकारों ने बारदाना संकट को लेकर कोई शोर नहीं मचाया. साय ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ वादाख़िलाफ़ी, छलावे और धोखाधड़ी की देश में एक बेहद गंदी मिसाल पेश की है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने इन दिनों वायरल हो रहे एक वीडियो क्लिप का हवाला देकर कहा कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में घूम-घूमकर धान की एमएसपी 25 सौ रुपए देने का दावा किया था, प्रति एकड़ 15 क्विंटल की लिमिट को ख़त्म करने का वादा किया था और यह भी कहा था कि किसानों को बोनस देना प्रारंभ करेंगे और हर ज़िले और ब्लॉक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हर किसान के खेतों के पास फूड प्रोसेसिंग का कारखाना लगा देगी. छत्तीसगढ़ का किसान सीधे जाकर इन कारखानों में अपनी उपज बेचेगा और उसे इसका सही दाम मिलेगा. इन कारखानों में किसानों के बच्चों को रोज़गार देने की बात भी राहुल गांधी ने कही थी.

साय ने धान ख़रीदी को लेकर वृथा गाल बजाकर कुप्पा हुए जा रहे मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर निशाना साधा कि दिन-रात ‘परिवार वंदना’ में तमाम संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रख देने वाले मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अपने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के वादों को भी पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं. साय ने कटाक्ष किया कि पंजाब के किसानों की चिंता में दुबले हुए जा रहे राहुल गांधी ने भी कभी पलटकर अपनी प्रदेश सरकार के कर्मों का हिसाब नहीं लिया और न ही प्रदेश के किसानों की पीड़ा को महसूस करने की ज़रूरत समझी. प्रदेश सरकार ने आज तक वादे के बावज़ूद बोनस का भुगतान नहीं किया. 15 क्विंटल की लिमिट तो ख़त्म की नहीं, उल्टे रकबा घटाने और गिरदावरी के नाम पर किसानों को आत्महत्या तक के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मज़बूर किया.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग कारखानों के बजाय प्रदेश सरकार ने कमीशन प्रोसेसिंग कारखाने ज़रूर खोले हैं जहाँ रेत, शराब, ड्रग्स, ज़मीन माफिया और तस्कर जाकर कांग्रेस और उसकी सरकार को ‘सत्ता-शुल्क’ बराबर अदा कर रहे हैं. जब प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग कारखाने खोले ही नहीं तो रोज़गार किसे देती? रोज़गार के नाम पर भी कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने झूठ का रायता ही फैलाया है. सरकारी महकमों में भर्तियों पर रोक लगाकर और नियुक्ति प्रक्रिया में अड़ंगे डालकर प्रदेश सरकार ने युवा शिक्षित बेरोज़गारों के भविष्य को ही दाँव पर लगा रखा है, साथ ही बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा भी इस सरकार ने पूरा नहीं किया है.

साय ने राहुल गांधी से प्रदेश भाजपा के ख़र्च पर एक बार छत्तीसगढ़ आकर अपनी प्रदेश सरकार के कर्मों का हिसाब लेने की अपील की है, ताकि प्रदेश सरकार के नाकारापन से वे रू-ब-रू हो सकें. साय ने मुख्यमंत्री बघेल और मंत्री सिंहदेव को नसीहत दी है कि लोकतंत्र में सरकार के कामों का मूल्यांकन जनता करती है, ख़ुद अपना मूल्यांकन करके प्रदेश की कांग्रेस सरकार आत्म-मुग्ध होने की हास्यास्पद नौटंकी न करे. और, ज़ाहिर है प्रदेश की जनता 2023 में कांग्रेस सरकार का सही मूल्यांकन करके उसे उसकी सही ज़गह बताने और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस मुक्त करने का मन बना चुकी है. कांग्रेस के लोग दीवार पर लिखी जा चुकी इस इबारत को ठीक से पढ़ लें.