अमर मंडल, पखांजूर। मेडिकल कॉलेज में दाखिला पर के नाम पर पखांजूर के महिला से 34 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. मामले में मुख्य आरोपी एजुकेशन काउंसल 2008 से लोगों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर झांसा देकर ठगी कर रहा है. इस तरह के मामले में वह 2013 में जेल भी जा चुका है.

जानकारी के अनुसार, प्रार्थिया शिखा दास ने थाना पखांजूर में अपराध दर्ज कराई थी कि वर्ष 2018 में फोन पर आरोपी से संपर्क हुआ था, जिसने अपने को मेडिकल काउंसलर तथा मंत्रालय में पहुंच बताकर उसके 2 बच्चों को मैनेजमेंट सेन्ट्रल पुल कोटा में बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के का आश्वासन देकर 34 लाख रुपए की ठगी कर ली है. प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना पखांजूर में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 02/20 धारा 419,420 भादवि 66 (D) आईटी एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था.

विवेचना में घटना में संलिप्त आरोपी दिल्ली निवासी दीपक चटर्जी पिता स्व विश्वनाथ चटर्जी (50 वर्ष), बरेली, उप्र निवासी प्रभुदीप सिंह उर्फ अरविंद गंगवार पिता ब्रजपाल सिंह (34 वर्ष) और गाजियाबाद, उप्र निवासी जियाउल हक रहमानी पिता डॉ एआर रहमानी (32 वर्ष) को प्रोडक्शन वारंट पर हाजिर कर 11 जनवरी को गिरफ्तार किया. तीनो आरोपियों ने देशभर में कई राज्यों में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करना स्वीकार किया है.

आरोपियों में से दीपक चटर्जी ने अपने को शैक्षणिक सलाहकार बताते हुए जानकारी दी कि वह 2008 से इस प्रकार के कृत्य में संलिप्त रहा है. 2013 में जेल भी जा चुका है. वहीं आरोपी जियाउल हक रहमानी रूस से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त किया है, इसके अलावा तीसरा आरोपी प्रभु दीप सिंह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है. सभी आरोपी हाईप्रोफाइल लोगों को मैनेजमेंट कोटा पर मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के नाम पर धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की लाखों रुपए के ठगी की करना स्वीकार किए हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पखांजूर न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कराया गया है.