सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने धान खरीदी के लक्ष्य को लेकर कहा कि धान खरीदी में अभी 10 दिन शेष है. 90 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. लगभग 82 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी हमने कर ली है, मैं समझता हूं कि केवल तीन-चार दिनों में ही धान खरीदी के लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी. उसके बाद भी केंद्र सरकार से लगातार हमारा अनुरोध जारी है कि 60 लाख मैट्रिक टन चावल खरीदने की उन्होंने सहमति दी है तो उस आदेश को वो तत्काल जारी करें, ताकि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के दौरान यदि थोड़े बहुत और किसान भी शेष होंगे तो उनकी धान की खरीदी को भी हम विस्तारित कर सके, लेकिन केंद्र सरकार अभी भी हमे सकारात्मक दिखाई नहीं दे रही है.

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर मंत्री बोले कि छत्तीसगढ़ में सरकार को बने 2 साल हुए हैं. आज ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस है. 35 साल पहले इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. इन 2 वर्षों में हमने जो नए महाविद्यालय खोले हैं, उनके भवन और हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर बनाए गए है, उसके उद्घाटन और भूमि पूजन का कार्यक्रम मुख्यमंत्री के हाथों होगा. सभी जिलों में 23 विधानसभा क्षेत्रों में यह कार्यक्रम अलग-अलग आयोजित है, और मुख्यमंत्री उद्घाटन करेंगे. मैं समझता हूं कि 2 साल की हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है. छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि के क्षेत्र में सर्वाधिक विकास की संभावना है. रिसर्च और एग्रीकल्चर के एजुकेशन को हम बढ़ावा देना चाहते हैं.

भाजपा के प्रदर्शन और धान खरीदी में किसानों की सूची को लेकर मंत्री ने कहा मैं उनकी सूची को लेकर के कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन जिसने भी धान बेचा है. वह छत्तीसगढ़ के पंजीकृत किसान है और उनको यह अधिकार बनता है. मैं यह समझता हूं, कि छत्तीसगढ़ में चाहे वह कोई भी किसान हो. किसी भी दल से प्रतिबद्ध हों. उनको धान बेचने का अधिकार है. 22 तारीख की प्रदर्शन का सवाल है भारतीय जनता पार्टी ने इतनी देर क्यों कर दी छत्तीसगढ़ के आधे से ज्यादा समितियों में जितनी धान की खरीदी होनी है हो चुकी, समितियां धान खरीदी पूरी कर चुकी है. उसके बाद ये आंदोलन क्यों करने जा रहे हैं, मैं तो समझता हूं कि उनका मानसिक दिवालियापन है.

केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति प्रेम प्रदर्शन करें,चावल 60 लाख में मैट्रिक टन चावल की खरीदी की अनुमति दें.

बर्ड फ्लू को लेकर रविंद्र चौबे बोले कि बालोद, बस्तर, जगदलपुर व बलरामपुर में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है हमने सारे डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को निर्देश दिया है कि इसकी सतत मॉनिटरिंग होनी चाहिए, और चिकन के निर्यात को देखना चाहिए बाहर से जो चिकन मंगाए जा रहे हैं उन पर नजर रखनी चाहिए. बालोद में हमने चिकन मार्केट बंद किया हुआ है. सारे अधिकारियों को भी निर्देश दिए है लेकिन छत्तीसगढ़ में वैसी स्थिति नहीं है, जिसको लेकर के हम बहुत ज्यादा चिंता व्यक्त करें. हिंदुस्तान में पोल्ट्री का जो व्यवसाय हैं वह कोविड के चलते कोलैप्स हो गया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से हमने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा की थी.

छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के किसानों को जिस तरीके से इंटरेस्ट फ्री लोन देते हैं. जिस तरीके से बिजली का सब्सिडी में देते हैं, आखिर पूर्व में भी यह सब रॉ मैटेरियल के रूप में बिजली का उत्पादन होता है. हमने आग्रह किया उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इसमें कोई ना कोई कदम आगे बढ़ाएगी.