सरकारी स्कूल के मास्टर साहब ब्राह्मणों के खिलाफ बच्चों को पढ़ा रहे थे आपत्तिजनक बातें, मामला खुलने पर हुए सस्पेंड
लखनऊ। ऐसा कहा जाता है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होते हैं लेकिन इस मंदिर के अध्यापक ही बच्चों के मासूम मन में घृणा और द्वेष जैसे विचार पैदा कर रहे हैं।
दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के तालबेहट क्षेत्र के एक सरकारी विद्यालय का है। इसकी कक्षा की दीवार पर एक जाति विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने लिख दी। ये मामला उछलने के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं एक सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि तालबेहट क्षेत्र के ऐवनी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में रविवार को ‘स्मार्ट क्लास’ के उद्घाटन के दौरान दीवार पर ब्राह्मण जाति के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी लिखी पाए जाने के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यपक अनिल कुमार राहुल और सहायक अध्यापक कादिर खान को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है।
जानकारी के मुताबिक विद्यालय की दीवार पर यह आपत्तिजनक टिप्पणी दोनों अध्यापकों की जानकारी में लिखी गयी थी। बीएसए ने कहा कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर है। यहां किसी जाति या धर्म के खिलाफ ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती। विद्यालय की दीवार में लिखी गयी कथित टिप्पणी को तूल पकड़ने के बाद मिटा दिया गया है लेकिन ब्राह्मण समाज के कई संगठन अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह टिप्पणी एक जाति विशेष को अपमानित करने की नीयत से लिखी गयी थी।