अयोध्या। संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिए दो दिवसीय बैठक रखी गई है। इस बैठक में निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। पहले दिन की बैठक में कार्यदाई संस्था एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियरों के साथ राम जन्मभूमि के परिसर विश्वामित्र आश्रम में होगी. वहीं दूसरी बैठक दोपहर के बाद सर्किट हाउस में होगी. बैठक में शामिल होने के लिए आर्किटेक्ट सोमपुरा भी पहुंचे हैं। बैठक में इंजीनियर पुरानी पद्धति से मंदिर निर्माण के लिए नींव की डिजाइन पेश करेंगे। वहीं इन दिनों राम मंदिर निर्माण के लिए गर्भगृह के आसपास से मिट्टी हटाई जा रही है.

रामजन्मभूमि विकास कार्ययोजना की बैठक चार चरण में होगी, जिसमें पहले चरण की बैठक में राम ट्रस्ट व निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की नींव के प्रारूप पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। साथ ही संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जाना है.

राम मंदिर की नींव की खोदाई 15 जनवरी से ही शुरू हो गई है और नींव के प्रारूप पर भले ही निर्माण समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। नींव का यह प्रारूप पाषाण के बड़े भवनों की पारंपरिक निर्माण शैली के अनुरूप कांटीन्युअस राफ्ट स्टोन प्रणाली के अंतर्गत है और यह शैली अपनाने के निष्कर्ष पर आईआईटी मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, गुवहाटी, अहमदाबाद सहित नेशनल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ तथा मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि करीब माहभर के गंभीर मंथन के बाद पहुंचे है.