सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजभवन घेराव के लिए प्रदेश भर के किसान निकले चुके हैं. रावणभांठा अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से 500 ट्रैक्टरों की मार्च निकली है. यह मार्च लगभग दो किलोमीटर लंबी है. किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून को वापस करने की मांग कर रहे हैं. कई जगहों पर पुलिस ने ट्रैक्टर को रोका.
छत्तीसगढ़ किसान और मज़दूर महासंघ के सदस्य द्वारिका साहू ने कहा कि हमारा एक ही मांग है. किसान विरोधी जो केंद्र सरकार तीन कृषि क़ानून लागू किए हैं. तीनों को वापस ले ये तीनों क़ानून किसान के अस्तित्व को ख़त्म करने वाला है. इसके चलते प्रदेशभर के किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे हैं और रैली के शक्ल में राज भवन घेरने जा रहे हैं.
केंद्र सरकार ने हर संभव प्रयास किया है कि किसान आंदोलन को कुचल दिया जाए, लेकिन असफल रहे हैं. कई तरह से बदनाम किए हैं. ये ऐसी कांग्रेस का आंदोलन है फिर कहे हरियाणा वाले कर रहे हैं उसके बाद सरकार की ओर से कहा गया कि यह आंदोलन में सिर्फ़ पंजाब के किसान है. अब उनको पता चल गया है कि किसी एक राज्य का नहीं बल्कि देशभर का आंदोलन है, इसलिए आज छत्तीसगढ़ में ये तीनों किसी क़ानून के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली गई है.
किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि किसानों का मामला है. बीजेपी और कांग्रेस इस पर राजनीति न करें. समर्थन मूल्य तय करें ये जो कृषि क़ानून है ये उद्योग घरानों के लिए है. किसान बंधुआ मज़दूर हो जाएंगे. हमारे प्रदेश से कई किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं और प्रदेश में भी प्रदर्शन जारी है.
अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से रैली की शुरुआत की गई है और यहां पहुंचने के दौरान पुलिस ने ट्रैक्टर में आ रहे हैं. किसानों को कई जगह रोक लिया है. रैली में लगभग 500 ट्रैक्टर शामिल हैं. ये कोई प्रायोजित नहीं हैं. किसान अपने ट्रैक्टर में तेल भरकर अपने आक्रोश ज़ाहिर करने पहुंचे है.