दिल्ली। देश में पदमश्री सम्मान के लिए कई तबके के लोगों को चुना गया है। इसमें एक नाम मिथिला पेंटिंग कलाकार दुलारी देवी का भी है। इनकी कहानी बेहद दिलचस्प है।

भारत सरकार दुलारी देवी को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करेगी। बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली दुलारी देवी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। कभी झाड़ू पोछा करके वे अपना गुजारा करती थीं लेकिन अब उन्हें पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। मधुबनी पेंटिंग ने दुलारी देवी को दुनियाभर में शोहरत दिलाई है। उनके काम को दुनियाभर में सराहा जा रहा है। खास बात ये है कि दुलारी कभी भी स्कूल नहीं गई है लेकिन इनके काम की चर्चा कला जगत की नामचीन पत्र-पत्रिकाओं तक में होती है।

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर नामी लोग उनकी कला के प्रशंसक रहे हैं। दुलारी पहले लोगों के घरों में काम करती थी। इस दौरान उनकी मुलाकात प्रख्यात मधुबनी पेंटिंग कलाकार कपूरी देवी से हुई। कपूरी देवी के संपर्क में आने के साथ ही दुलारी देवी की कला का सफर शुरू हो गया। इस दौरान दुलारी अपने घर-आंगन को माटी से पोतकर, लकड़ी की कूची बना कल्पनाओं को आकृति देने लगीं। धीरे धीरे दुलारी ने मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली। खास बात ये है कि दुलारी अब तक सात हजार मिथिला पेंटिंग विविध विषयों पर बना चुकी हैं।