रायपुर- आरएसएस समेत कई संगठनों की ओर से अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जुटाई जा रही राशि पर विवाद गहरा गया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राम मंदिर निर्माण का जिम्मा संभालने वाली श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय को चिट्ठी लिखकर उन संस्थाओं की जानकारी मांगी है, जिन्हें धनराशि इकठ्ठा करने के लिए अधिकृत किया गया है.

राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि छत्तीसगढ़ में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु सहयोग करने की जन भावनाओं का दुरूपयोग करते हुए कुछ अवांछनीय व्यक्तियों, तत्वों, संस्थाओं द्वारा रसीद छपवाकर जनमानस से ठगी/ अवैध वसूली करने का कथित मामला सामने आया है. मुख्य सचिव ने बिलासपुर की घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि, एक महिला द्वारा इस प्रकार की अवैध वसूली किए जाने पर उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है.

सरकार की ओर से चिट्ठी लिखते हुए अमिताभ जैन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से अनुरोध किया है कि श्रीराम मंदिर निर्माण के ली जा रही सहयोग राशि के लिए अधिकृत व्यक्तियों, संस्थाओं या ट्रस्ट की जानकारी उपलब्ध कराई जाए. जिससे मंदिर निर्माण के नाम पर किए जा रहे अवैध वसूली पर रोक लगाई जा सके.

बता दें कि आरएसएस, बीजेपी समेत कई संगठनों की ओर से अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर धनराशि जुटाई जा रही है. संघ के कई अनुषांगिक संगठन समर्पण निधि जुटाने के लिए 15 जनवरी से 31 जनवरी तक का विशेष अभियान चला रहे हैं. बताते हैं कि इस अभियान के तहत अब तक राज्य से कई करोड़ रूपए का चंदा इकठ्ठा किया गया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा था हिसाब

इससे पहले चंदा जुटाने की मुहिम से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा था कि पहले भी राममंदिर के नाम पर चंदा लिया गया था, उसका हिसाब आज तक नहीं दिया गया. अब फिर चंदा लिया जा रहा. बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वित्तीय मदद जुटाने को श्री राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह अभियान समिति का गठन हुआ है. उन्होंने कहा था कि, ‘बीजेपी को पहले उस पैसे का हिसाब देना चाहिए जो उन्होंने पहले शिला पूजन (शिलान्यास समारोह) करने के बाद चंदे के तौर पर इकट्ठा किया था.’