रायपुर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने पुरातत्ववेत्ता पद्मश्री अरुण शर्मा से रायपुर उनके घर आकर मुलाकात की और आशीर्वाद लिया. अरुण शर्मा भारत के प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता हैं. उनके ही द्वारा किए गए खोज और साक्ष्यों को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला राम जन्मभूमि पर दिया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से सेवानिवृत्त अरुण शर्मा 84 वर्ष की आयु में भी सक्रिय हैं.

कौन है अरुण शर्मा ?

रायपुर के चांगोरा भाटा निवासी 1933 में जन्में डॉ. अरुण शर्मा भारत के पुरातत्वविद हैं. जनवरी 2017 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. सम्प्रति वे छत्तीसगढ़ शासन के पुरातात्विक सलाहकार हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के अलावा भारत के अन्य स्थानों पर भी खुदाई कराई है. शर्मा ने सिरपुर और राजिम में काफी काम किया है. उन्होंने सिरपुर में मिले प्राचीन मूर्तियों और मुखौटों के आधार पर कहा था कि हजारों वर्ष पहले यहाँ एलियंस आते रहे हैं. सिरपुर में मिले कई मूर्तियों में पश्चिमी देशों में मिले मूर्तियों से समानता के आधार पर उन्होंने यह बात की थी.

कौन है चंपत राय ?

अयोध्या आंदोलन के योजनाकार विहिप के चंपत राय बंसल का जन्म 18 नवंबर 1946 को बिजनौर जिले के नगीना कस्बे में हुआ. 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लगा था, तब चंपत राय आरएसएम कॉलेज धामपुर में प्रवक्ता थे. संघ प्रचारक, विभाग प्रचारक, प्रांत संगठन मंत्री, फिर क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाकर अयोध्या गए. विहिप के केंद्रीय मंत्री बनाए गए. 2002 में संयुक्त महामंत्री और फिर अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए. वो वर्तमान में विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव हैं.