सुप्रिया पांडेय, रायपुर। बस्तर की बहुचर्चित बोधघाट परियोजना को लेकर पूर्व सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का दावा है कि इस परियोजना से विकास नहीं विनाश होगा. उन्होंने इस परियोजना को लेकर किए गए अपने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि बस्तर में कितनी ही सिंचाई योजनाएं बनी हुई हैं, लेकिन उनसे सौ प्रतिशत सिंचाई नहीं होती. इस परियोजना के लिए लाखों-करोड़ों की संख्या में पेड़ काटने पड़ेंगे. ऐसी परिस्थिति में क्या योजना बन पाएगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मैंने (सिंचाई) मंत्री रहते हुए परियोजना की पूरी स्टडी की है. यह सरकार बोधघाट परियोजना को पूरा नहीं कर पाएगी, ना ही आने वाले सरकार बना पाएगी. सस्ती लोकप्रियता और पब्लिसिटी के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं. दरअसल, बोधघाट परियोजना को लेकर जितने भी आंकड़े हैं, वह सब झूठे हैं. जितनी जमीन पर सिंचाई की बात कही जा रही है, वहां पर उतनी जमीन है ही नहीं. कितने झाड़ काटे जाएंगे? आज भी कितनी सिंचाई की योजनाएं बस्तर में बनी हुई है, उन सिंचाई योजनाओं से 100 प्रतिशत सिंचाई नहीं होती.

उन्होंने कहा कि जब रमेश बैस पर्यावरण मंत्री थे, उस समय इसका परमिशन मिला था. एक जमाने में बोधघाट की कल्पना की गई थी कि वहां से बिजली उत्पादन होगा. बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में बिजली मिलेगी. सब जानते हैं कि इसके लिए वहां पर लाखों-करोड़ों की संख्या में पेड़ काटने पड़ेंगे, ऐसी परिस्थिति में क्या योजना बन पाएगी. पर्यावरण को सुरक्षित रखने के बारे में विचार करना चाहिए. वहां के उपयोगिता की चीजों के बारे में हमको विचार करना चाहिए. कांग्रेस की 2 साल की सरकार होने के बाद भी हमारे वनवासी और आदिवासियों की आर्थिक स्थिति में कितना इजाफा हुआ है? इसकी बात करें, वर्ग विभेद करने की कोशिश ना करें.

गोडसे को जिंदा रखना चाहती है कांग्रेस

बृजमोहन अग्रवाल ने गोड़से को लेकर कांग्रेस के आरोप पर कहा कि गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हम गांधीजी के प्रति अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. गांधीजी सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. जब हम गांधीजी के प्रति प्रेरणा लेते हैं, उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं, उनको याद करते हैं, तो ऐसे समय पर मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल गोडसे को भी जीवित रखना चाहते हैं, इसलिए बार-बार उसका उल्लेख करते हैं. गांधी जी के काम का उल्लेख करें तो ज्यादा अच्छा है..

कार्यकारिणी का गठन पार्टी का अंदरुनी मामला

भाजपा के कार्यकारिणी नहीं बन पाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. पार्टी का कार्यक्रम आप देख रहे हैं.  यह सामान्य बात है. सब चलता रहता है, और चलता रहेगा. कांग्रेस भी 2 साल में निगम मंडल गठित नहीं कर पा रही है. कांग्रेस के अंदर जो नियुक्ति की गई है, वहां कैसी मारपीट हो रही है, यह सब जानते है. यह पार्टी का अंदरूनी मामला है सब सामान्य बातें हैं.