आशुतोष तिवारी,जगदलपुर। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद ही संवेदनशील सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर जिला के एक मात्र जिला अस्पताल को मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. मेट्रो सिटी की तर्ज पर बस्तरवासियों के इलाज के लिए भूपेश सरकार ने करोड़ों रुपए जिला अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए फूंक दिए. लेकिन कुछ डॉक्टरों की मनमानी की वजह जिला अस्पताल की हालत जस की तस बनी हुई है.

दरअसल सोमवार को जिला अस्पताल में स्थित आपातकालीन वार्ड के कक्ष क्रमांक 9 के बाहर सुबह करीबन 7 बजे से मरीजों की एक लंबी कतार लगी हुई थी. देखते ही देखते सुबह के लगभग 9 बजे तक यह कतार और भी लंबी हो गई. दोपहर के 12 बजे तक संबंधित डॉक्टर अपनी ड्यूटी में नहीं पहुंच पाए. 12 बजे के बाद डॉक्टर अपने कक्ष में मात्र 10 से 15 मिनट के लिए ही पहुंचे.

इस दौरान उन्होंने कुछ ही मरीजों की जांच कर वहां फिर बाहर चले गए. फिर भी मरीज अपना इलाज कराने के लिए उसी लंबी कतार में खड़े रहे. कुछ देर बाद एक वार्ड बॉय से मरीजों को जानकारी मिली कि अब लंच का समय हो गया है और डॉक्टर साहब अब नहीं आएंगे. जिसके बाद सभी मरीज मायूस होकर वापस अपने घरों की ओर लौट गए.

कुछ मरीजों ने बताया कि यह आज का ही नहीं बल्कि रोज का काम है. डॉक्टर अपने ड्यूटी के समय अपने कमरों में मौजूद ही नहीं रहते. जब इस बारे में उनसे बात करें, तो डॉक्टर आक्रोशित हो जाते है. ऐसे में मरीजों को हमेशा मायूसी ही हाथ लगती है.

इस मामले में जिला अस्पताल प्रभारी डॉ. संजय प्रसाद का कहना है कि अस्पताल परिसर में एक कैम्प लगा हुआ था. वो डॉक्टर वहां व्यस्त थे. शहर से बाहर होने की वजह से उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वापस लौटते ही मामले की जानकारी लेंगे.