रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार’ को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के इस पक्षी विहार को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. पक्षी विज्ञानियों, प्रकृति प्रेमियों और यहां आने वाले सैलानियों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी. यहां विश्व के विभिन्न प्रवासी पक्षियों का आवागमन होता हैं. विशेषकर साल के माह नवम्बर से मार्च (5 माह) में यहां ये पक्षी रहवास करते हैं. मुख्यमंत्री  बघेल बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के नगधा गांव में आयोजित ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार महोत्सव’ को सम्बोधित कर रहे थे. इसके पहले  बघेल ने गिधवा-परसदा जलाशय का भ्रमण किया और वहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों और जलाशय के मनोरम और विहंगम दृश्यों को कैमरे में कैद किया.

इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव गुरुदयाल बंजारे, विधायक आशीष छाबड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  राकेश चतुर्वेदी, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर  शिवअनंत तायल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने पक्षी महोत्सव में जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि गिधवा एवं परसदा ग्रामों के आस-पास जिन क्षेत्रों में प्रवासी पक्षी आते हैं, उसके संरक्षण की योजना बनाकर छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा कार्य किया जाएगा. साथ ही क्षेत्र में एक पक्षी जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाएगा. यहां राज्य के प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की जैव विविधता संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण जन सामान्य को दी जाएगी. राज्य के समस्त ऐसे वेटलैंड जिसमें प्रवासी पक्षी आते हैं एवं जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, उनके संरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड को दी जाएगी.

गौरतलब है कि गिधवा-परसदा के जलाशयों को विश्व स्तरीय पक्षी पर्यटन स्थलों में स्थान दिलाने के लिए यहॉं 31 जनवरी से 2 फरवरी 2021 तक पक्षी विहार महोत्सव का आयोजन किया गया. पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण तथा स्थानीय लोगों को ईको-पर्यटन के माध्यम से होम, विलेज स्टे से रोजगार उपलब्ध होगा.

बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, नगधा, एरमशाही क्षेत्र जलीय एवं स्थल जैव विविधता से भरपूर है. यह क्षेत्र पारिस्थितिकीय व स्वस्थ्य पर्यावरण के लिये उपयुक्त है. गिधवा-परसदा स्थल मुख्यतः जलीय नमी युक्त क्षेत्र है. इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 6 कि.मी. क्षेत्र में है. गिधवा परसदा में मुख्य 2 बड़े तथा 2 मध्यम आकार के जलाशय हैं, नजदीकी ग्राम एरमशाही में 5 जलाशय भी स्थित हैं. गिधवा-परसदा जलीय तंत्र में भरपूर जलीय खाद्य वनस्पति व जीव होने के कारण यहां पक्षियों के लिए अच्छा रहवास है. यहां किए गए अध्ययनों में पक्षियों की कुल 143 प्रजातियां जिसमें कुल 26 स्थानीय प्रवासी प्रजातियां, 11 विदेशी प्रवासी प्रजातियां तथा 106 स्थानीय आवासीय प्रजातियां पक्षी पायी गई है.