रायपुर। दिल्ली के लाल किले से वर्ष 2014 में शुरू हुई आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा 19 राज्यों से गुजरते हुए 50 हजार किमी का सफर तय कर छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुकी है. बस्तर संभाग से होते हुए अब आचार्य की यात्रा राजधानी रायपुर में प्रवेश करने को है. 14 फरवरी को वे नवा रायपुर पहुंचेंगे और जैनम मानस भवन में आयोजित मर्यादा महोत्सव में हिस्सा लेंगे.

मर्यादा महोत्सव का आयोजन 16 से 19 फरवरी तक किया गया है. 21 फरवरी को दीक्षा महोत्सव भी होगा, जिसमें आचार्य द्वारा तीन मुमुक्षुओं को भगवती दीक्षा दी जाएगी. यह पहला मौका होगा जब छत्तीसगढ़ में तेरापंथ संघ की दीक्षा होगी. छत्तीसगढ़ समेत देशभर के समाजिक सदस्य इस ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव के साक्षी बनेंगे.

51 साल में यह पहली बार तेरापंथ संघ के किसी आचार्य का राजधानी में मंगल प्रवेश होगा. इनसे पहले सन् 1970 में जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ के 9वें आचार्य तुलसी रायपुर आए थे. आचार्य महाश्रमण संघ के 11वें आचार्य हैं. रायपुर प्रवास के बाद वे भिलाई-दुर्ग से नागपुर होते हुए भीलवाड़ा के लिए प्रस्थान करेंगे.

शिष्य-शिष्याएं भी कर रहे पदविहार

आचार्य महाश्रमण के साथ 120 शिष्य-शिष्याएं पदविहार कर रहे हैं, इनमें 35 संत और 16 साध्वियां शामिल हैं. अहिंसा यात्रा के दौरान रास्ते में जगह-जगह पर जैन धर्मावलंबियों के साथ अन्य धर्म से जुड़े लोग आचार्य के दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं. न केवल श्रद्धालु बल्कि जनप्रतिनिधि भी आचार्य और संतों का आशीर्वाद लेने उमड़ रहे हैं.