रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम दौरे से वापस छत्तीसगढ़ लौट गए है. बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि असम के कार्यकर्ताओं में उत्साह है. इस बार मतदाता कांग्रेस को चाहते हैं, क्योंकि बीजेपी ने अपने वादे पूरे नहीं किए है. बीजेपी ने NRC का मुद्दा उठाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. भारत-बांग्लादेश सीमा लॉक नहीं हुई. ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों ओर हाइवे जैसे वादे पूरे नहीं किए गए. असम में 2-2 मुख्यमंत्री हैं, इसलिए नाराजगी भी अधिक है.

बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और हाउसिंग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी के बीच बीते दिनों बहस हुई थी. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है. जब सरकार में थे तब प्रेमप्रकाश, बृजमोहन अग्रवाल, नंदकुमार साय, ननकीराम कंवर के रमन सिंह से संबंध कैसे थे, सबको पता है. सरकार जाने के बाद यह लड़ाई सतह पर आ गई है. जब तक बीजेपी में नया नेतृत्व नहीं आएगा ऐसा चलता रहेगा.

पीएम ने नहीं कहनी चाहिए ऐसी बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में आज नया शब्द गढ़ते हुए आंदोलनकारियों ‘आंदोलनजीवी’ कहा था. इस पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस तरह की बात नहीं बोलनी चाहिए. जब लोगों में आक्रोश होता है, तब आंदोलन होता है. यह प्रजातंत्र का हिस्सा है. सांसद विधायक सदन में अपनी बात रखते हैं. आम जनता अपनी बात कहां रखेगी. आंदोलन को लेकर मोदी जी को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए.

रमन सिंह पर कसा तंज

राजनांदगांव में दिवंगत नेताओं को कार्यकारिणी में लेने के मामले में सीएम भूपेश ने कहा कि रमन सिंह के पास कोई काम नहीं है, कम से कम कार्यकारिणी की लिस्ट ही चेक कर लेते. 10 लाख कार्यकर्ताओं के बाद भी रमन सिंह को कार्यकारिणी बनाने के लिए दिवंगत मिले. कवर्धा में भी दिवंगत लोग मजदूरी किया करते थे.