रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के बयान पर कटाक्ष करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि जशपुर जिले की घटना हृदयविदारक और अमानवीय घटना है. ऐसी पीड़ा को किसी भी सूरत में कम नहीं किया जा सकता. इस पर कथित रूप से सियासत गर्माने का प्रपंच करना बहुत ही निचले स्तर की राजनीति का घोतक है. पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्वीकार तो किया कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य की 27 हजार बेटियां लापता हुईं. 2 साल में सरकार ने क्या प्रयास किए यह सवाल सटीक है, पर उनके ग़ायब होने में आपकी सरकार की कितनी हिस्सेदारी है. यह भी स्पष्ट कर देते तो थोड़ी आसानी हो जाती.
प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि जम्मू, कठुआ उन्नाव, हाथरस, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जैसी अनेक घटनाओं में भाजपा का संरक्षण प्राप्त रहा या भाजपा के जनप्रतिनिधि और भाजपा के नेता सम्मिलित रहे. नेता तो नेता भाजपा नेत्रियां भी मानव तस्करी में संलिप्त पाई गयी हैं. बीजेपी अपने ऊपर दाग़ लगते ही दूसरों के दाग गिनाने लगती है. फिर बलरामपुर और भदोही का भी जवाब देना होगा. उन्होंने कहा है कि बलात्कार की घटनाएं अमानवीय ही होती हैं और इसकी पीड़ा को किसी भी सूरत में कम नहीं किया जा सकता. बलात्कार की घटनाएं कहीं भी हो किसी के भी साथ हो बेहद गंभीर हैं और मानवता के विरुद्ध अपराध हैं.
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में क्या हुआ? एक समय था जब एनसीआरबी के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ का दुर्ग बलात्कार की राजधानी बन गया था और उस समय भी मुख्यमंत्री रमन सिंह ही थे. मीना खल्खो और मड़कम हिड़में के साथ क्या हुआ था यह तो रमन सिंह आज तक बोल नहीं पाते. छत्तीसगढ़ के लोग इस बात को कभी भूल नहीं सकते की नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड और झलिया मारी कांड जैसे महिलाओं के खिलाफ बड़े-बड़े अपराध रमन सिंह के कार्यकाल में ही हुए.
पूर्ववर्ती रमन सरकार के ओएसडी रहे ओपी गुप्ता द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया जाता है, तब उनकी आत्मा सोई हुई थी. भाजपा की राजनितिक सहयोगी भाजपा नेत्री बस्तर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा आरोपी को संरक्षण देने का काम करती हैं. भिलाई खुर्सीपार में बलात्कार पीड़िता युवती की आत्महत्या की घटना समूचे प्रदेश के माथे पर कलंक है. यह घटना ह्रदयविदारक और मानवता को शर्मशार कर देने वाली है. इस मामले में पूर्ववर्ती सरकार के मुखिया रमन सिंह का बयान बेहद आपत्तिजनक और असंवेदनशील था. उस समय बेटियों के बारे में क्यों नहीं बोला जब बलात्कारियों को बचाने और पीड़िता को सताने में पूरा तंत्र लगा होता था तब रमन सिंह मौन क्यों थे ?