दरअसल, प्रधानमंत्री कई मौकों पर बेहद भावुक होते रहे हैं। उनकी संवेदनशीलता का एक उदाहरण उस समय देखने को मिला जब महाराष्ट्र में तीरा कामत नाम की एक पांच महीने की बच्ची को बचाने के लिए चंद मिनटों में बड़ा फैसला ले लिया। ये बच्ची एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी से ग्रसित है। उसके इलाज में लगने वाली दवा पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी को प्रधानमंत्री ने पूरी तरह माफ कर दिया है। इसके चलते दवा की कीमत में लगभग छह करोड़ रुपये की कमी आ गई है। अब परिवार बच्ची को ये दवा उपलब्ध करा सकेगा।
महाराष्ट्र की बच्ची तीरा कामत जिस जेनेटिक बीमारी से ग्रसित हैं उसके लिए सिर्फ जीन रिप्लेसमेंट ही एक मात्र उपाय है। इस बीमारी के इलाज में जिस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। उस दवा की कीमत भारतीय रूपये में लगभग सोलह करोड़ रुपये होती है। इतना बड़ा अमाउंट परिवार के लिए जुटा पाना बिल्कुल नामुमकिन था लेकिन क्रॉउड फंडिंग के जरिए सोलह करोड़ रुपये परिवार ने इकट्ठा कर लिए। इस दवा को भारत में लाने के लिए छह करोड़ से ज्यादा की ड्यूटी लग रही था। इस समस्या की जानकारी बच्ची के परिजनों ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दी। फडणवीस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री से इसमें हस्तक्षेप कर दवा के कस्टम ड्यूटी और जीएसटी माफ करने की अपील की थी। प्रधानमंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दवा पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी और जीएसटी पूरी तरह से माफ कर दी। इससे करीब छह करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बच गया। प्रधानमंत्री के इस फैसले के चलते अब बच्ची को दवा मिल सकेगी। उसके परिजनों ने प्रधानमंत्री की इस मदद के लिए आभार जताया है।