आशुतोष तिवारी,जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश की राज्यपाल अनुसुईया उइके अपने दो दिवसीय प्रवास पर आज बुधवार को बस्तर पहुंची हुई है. बस्तर पहुंचते ही राज्यपाल भूमकाल स्मृति दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुई. राज्यपाल अनसुइया उइके ने आदिवासी समाज के लिए यादगार दिन बताते हुए सभी समाज के आदिवासी शहीदों को याद किया. अनुसुइया उइके ने कहा कि जो संविधान में आदिवासियों को दिए गए अधिकार है, वो पूरा मिलना चाहिए. जल जंगल और जमीन को बचाने के लिए जो आदिवासियों ने जंग छेड़ा था. शहीद गुंडाधुर के इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली.

राज्यपाल अनसुइया उइके ने गोलबाज़ार के अंदर इमली पेड़ पर दिए गुंडाधुर फांसी स्थल को गौरव स्थल बनाने कलेक्टर को तत्काल आदेश दिया है. शहीद गुंडाधुर को मान सम्मान पूरा दिया जाए, जहां उनको अंग्रेजों ने फांसी दी थी. बस्तर के भटके आदिवासी भाई बहन मुख्य धारा में लौटे. बाहर से जो बस्तर की शांति को भंग करने आए है, उन्हें बाहर करें. बस्तर के बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा. आदिवासी भाई बहनों से ही बस्तर शांति का टापू बनेगा.

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बिना अनुमोदन के सरकार नहीं ले सकती जमीन

उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन सरकार लेने से पहले 5वीं अनुसूचित के नियम का पालन करे. बिना राज्यपाल के अनुमोदन के बगैर ली गई जमीन पर कोई काम नहीं होगा. चाहे कोई भी उद्योग हो या फीर कोई निजी काम हो. छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को मेरा पूरा समर्थन रहेगा. जो जिम्मेदारी मुझे प्रधानमंत्री ने दिया है, उस पर खरा उतरूंगी. राजभवन हमेशा आदिवासियों के लिए खुला रहेगा. चीफ सेक्रटरी को मैंने खत लिखा है, जो आदिवासियों के लिए जो अधिकार दिए गए है, उसका पालन अधिकारी करे.

आदिवासियों का हो रहा धर्मांतरण

राज्यपाल 5वीं अनुसूचित क्षेत्र का संरक्षक होता है, जो अधिकार मुझे मिला है. उसके मुताबिक जल जंगल और जमीन के साथ-साथ आदिवासियों की धरोहर को बचाने के लिए राज्य सरकार चिंता करे या फिर मेरे द्वारा सीधे राष्ट्रपति से अधिकार दिलाऊंगी. समाज के अंदर कुछ ऐसे तत्व है, जो हमारे भाई बहनों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है. जबरन आदिवासी बहनों के साथ अन्याय कर उनकी जमीन को छीना जा रहा है. उस पर राज्य सरकार चिंता करे. वन उपज के ऊपर एक बड़ा प्रोजेक्ट आने वाला है. जिससे सभी को रोजगार मिलेगा. मैंने कल ही प्रधानमंत्री से बात की है.

निर्दोष आदिवासियों को जेल से करे रिहा- राज्यपाल

राज्यपाल ने पुलिस से भी निवेदन किया है कि कई निर्दोष आदिवासियों को जेलों में बंद कर दिया गया है. दोषियों को सजा हो, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं होना चाहिए. मैंने सभी जेलों से जानकारी मांगी है. मैं यही चाहती हूं कि दोषियों को सजा हो, लेकिन जो निर्दोष आदिवासी हो उनको निकाला जाए. मुझे जानकारी मिली है कि कोई टीम गठित की गई है. इसके लिए काम कर रही है.