हेमंत शर्मा, रायपुर। जिले में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के साथ धोखाधड़ी हो गई. रफी अहमद नाम के व्यक्ति ने सरकारी जमीन को अपना बताकर बेच दिया. आरोपी ने इसके लिए फर्जी मुख्तियार नामा भी तैयार कर लिया था. पीड़िता को सीमांकन के दौरान खरीदी गई जमीन के सरकारी होने का पता चला है. पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है. ये पूरा मामला खम्हारडीह थाना इलाके का है.
खम्हारडीह पुलिस के अनुसार, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत कुशालपुर पुरानी बस्ती निवासी कविता अग्रवाल ने 25 मई 2015 को महर्षि वाल्मीकि वार्ड में स्थित 1250 वर्गफुट जमीन को मोवा के रहने वाले रफी अहमद से खरीदा था. इसके लिए उसने लगभग 23 लाख 23 हजार रुपये दिया था. रफी अहमद द्वारा प्रार्थीया को यह विश्वास दिलाया गया था कि वह भूमि उसके स्वामित्व की है और जमीन का आम मुख्तियार है. इसके बाद आरोपी रफी ने कपटपूर्वक ढंग से रजिस्ट्री में से पावर ऑफ एटॉर्नी लिया था एवं रजिस्ट्री के बाद पीड़िता के आग्रह करने के बाद भी नहीं दिया था.
रफी अहमद ने सरकारी जमीन को अपना बताकर पीड़िता को विक्रय किया है. साथ ही इसका रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीयन भी हुआ है. जब पीड़िता कविता अग्रवाल ने सीमांकन के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया तब उसे पता चला कि उसने जो जमीन खरीदी है वह सरकारी जमीन है. इस तरह आरोपी द्वारा फर्जी मुख्तियार नामा तैयार कर सरकारी जमीन को बेच 23 लाख 23 हजार रुपये लेकर धोखाधडी किया है. आरोपी रफी अहमद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. वर्तमान में वह फरार है, उसकी तलाश की जा रही है.