लखनऊ। यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने अपने 4 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि 2014 से पहले महत्वहीन विभाग था. औद्योगिक विकास हमने काम करके विभाग की और सरकार की पहचान बनाई. इन्वेस्टर सम्मिट के माध्यम से जो रोजगार और उद्योग की नई पहचान बनी है, उसमें सभी का योगदान रहा.

सतीश महाना ने कहा कि यूपीड़ा हो चाहे यूपीसीडा हो. कामकाज में सुधार लाने के लिए तबादले किए और लोगों को बताया कि अन्य जगह भी उन्हें नौकरी करनी पड़ सकती है. नोएडा में प्लॉट आवंटन के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू की. उद्योगपतियों को मालूम हो गया कि कहां इस वर्क का प्लाट उन्हें मिलेगा और कितनी क्षमता में उन्हें उद्योग लगाना है. हमने इंडस्ट्री वाइस खाका तैयार किया है. 58000 करोड रुपए के इन्वेस्टमेंट लगाएं हैं, जिस पर काम शुरू हो गया है.

महाना ने बताया कि हाल ही में संपन्न बेंगलुरु एयर इंडिया एयर शो में लगभग 4500 करोड़ रुपए के 13 प्रस्ताव का इन्वेस्टमेंट प्राप्त हुआ. कई एक्सप्रेस वे पूरे होने के कगार पर हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में 35 परसेंट काम पूरा हो गया. गंगा एक्सप्रेस वे पर जमीन लेने का काम पूरा हो गया है, इसी वर्ष का शिलान्यास कर दिया जाएगा. गंगा एक्सप्रेस पर देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे होगा. कई बड़ी-बड़ी कंपनियां हमारे साथ काम करने को तैयार हैं. 77 से अधिक निवेश तमाम कंपनियों का प्रस्ताव हमारे पास है.

उन्होंने बताया कि जमीन संबंधी किसी भी व्यापारी को कोई समस्या ना हो इसके लिए हमने जिले स्तर पर और कमिश्नर स्तर पर परमिशन देने के लिए छूट दी. हमने फ्लैट्टेड फैक्ट्री का एक नया प्रोग्राम लाया है दिल्ली में बंदिश है कि छोटे कमरों में कोई अपनी फैक्ट्री चलाता था, तो उस पर बंदिश थी. इसके अंतर्गत प्लग एंड पेट के तहत ऐसे लोगों को हम मौका देंगे और नीतियों को फ्रेंडली बनाया है, जिसमें छोटे छोटे उद्योगों को भी काम करने का मौका मिले.

मंत्री ने बताया कि लखनऊ की एक आईआईटीटी यूपी कंपनी को पुनर्जीवित किया जा रहा है. भारत सरकार ने 15 करोड़ रुपए का सहयोग दिया गया है. इसके अलावा जमशेदपुर की एक कंपनी से उसके रिवाइवल को लेकर समझौता किया जाएगा. लगभग दो लाख 20 हजार रोजगार नए दो हजार अट्ठारह से इन्वेस्टर सम्मिट के बाद से जो इंडस्ट्रीज आई हैं, उनके तहत के एंप्लॉयमेंट के लिए बात हो गई है. साढ़े आठ सौ प्लॉट यमुना अथॉरिटी के अंतर्गत टॉयज वालों के लिए एमएसएमई के लिए छोड़ा है. 115 प्लॉट हमने आवंटन कर दिया है.

मुख्य सचिव अतिरिक्त प्रभार आईडीसी राजेंद्र तिवारी ने कहा कि सरकार रोजगार को लेकर काफी सजग है. लगभग 19 लाख एमएसएमई में रोजगार व लाख अन्य सेक्टर में रोजगार देने का काम सरकार ने किया है, वहीं मनरेगा के तहत 36 लाख मानव दिवस के तहत रोजगार दिया. हमने रोजगार पोर्टल बनाया है. आत्मनिर्भर भारत अभियान में कच्चा माल देने से लेकर मंच मुहैया कराना जहां उनका मार्मिक सके स्टार्टअप नीति के तहत ऐसे लोगों को बंद नहीं होने देंगे.