इंदौर। इंदौर आए मुख्यमंत्री रात को जिन रैन बसेरों का निरीक्षण करने पहुंचे थे वहां उन्हें निगमकर्मियों ने चाकचौबंद व्यवस्थाएं दिखाई थी. लेकिन असलियत ठीक इससे उल्टी थी. मुख्यमंत्री के जाते ही निगम के कर्मचारी फिर गायब हो गए. जब हम रात 1 बजे सुखलिया बापट चौराहा स्थित उसी रैन बसेरा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री गए थे वो बंद मिला.
जब इसे खुलवाया गया तो स्टॉफ गायब मिला. सिर्फ एक निगमकर्मी मौजूद था बाकी जिन लोगों की ड्यूटी थी वो घर में सो रहे थे. मुख्यमंत्री के आने और जिस बबिता चौहान नाम की महिला कर्मचारी ने उन्हें सारी जानकारी दी थी वो भी घर सो रही थी, जबकि उसकी रैन बसेरा में ड्यूटी थी. उन्हें वहां मौजूद कर्मचारी विक्की पटेल ने फोन भी लगाया लेकिन वो नहीं आई.
बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री जब यह आए थे तब 9 लोगों के यहां रुकने की जानकारी दी गई थी, जिसकी रजिस्टर में भी इंट्री की गई थी, लेकिन रात को यह कुल 6 लोग थे, जबकि 3 गायब थे.
इससे साफ है कि मुख्यमंत्री के आने के कारण बाहर से लोगों को बुलाकर उन्हें यह सुलाया गया था ओर उनके जाते ही उन्हें भी रवाना कर दिया गया. अब देखना होगा कि मामले में अधिकारी जिम्मेदार कर्मचारियों पर क्या कार्यवाई करते है.