पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर की पत्रकारिता दोधारी तलवार पर हमेशा लटकती रहती है. हाल ही में नक्सलियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने पत्रकारों की पत्रकारिता को लेकर धमकी भरा एक प्रेसनोट जारी किया है, जिसमें बस्तर की पत्रकारिता से लम्बे समय से जुड़े पत्रकारों के नामों का जिक्र कर उन्हें टारगेट करने की बात लिखी है. नक्सलियों के इस पत्र से रोष से भरे पत्रकार आंदोलन की बात कह रहे हैं.
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि आज देश भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. लुटेरे सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण बेरोजगारी, मंहगाई आसमान छू रही है. देश के उत्पीड़ित जनता का स्थिति अत्यंत दयनीय है. इस आर्थिक महामंदी के बोझ को जनता पर लादने के लिए लगी हुई है. प्रशासन आक्रामक रूप से बस्तर के प्राकृतिक संसाधानों को लूटने में लगी हुई है.
इसके बाद बस्तर के पत्रकार – लीलाधर राठी, पी. विजय, फारूख अली, गणेश मिश्र, शुभ्राषु चौधरी का जिक्र करते हुए उन पर प्रशासन के साथ कदम मिलाते हुए चलने का आरोप मढ़ दिया. इसके बाद प्रेसनोट में स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के तरफ हमारी पार्टी हमेशा खड़ी रहने की दलील देते हुए पत्रकारिता के नाम से कुछ लोग शोषक वर्गों के चापलूसी काम कर रहे है. लोकतंत्र के लिए चौथा खंभा कहलाने वाला मीडिया को ऐसे दरिंदों को अपने से दूर रखने की नसीहत दे डाली.
अंत में ब्यूरो की ओर से जारी प्रेसनोट में यह कहना नहीं भूले कि आज की समाज में ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फांसीवादी शासनकाल में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी पार्टियां भी कानूनी सभाओं की बाहर भी संघर्ष करने की स्थिति है. इसके लिए अनिर्वाय संघर्ष जारी है, ऐसी स्थिति में मीडिया निष्पक्ष और स्वतन्त्र रहना अत्यंत आवश्यक है.