हेमंत शर्मा, रायपुर। दिसम्बर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें उनका मुख्य इश्यू शराबबंदी करने का था. आज स्थिति यह हो गयी पूरा छत्तीसगढ़ नशे के गिरफ्त में आ चुका है. इस पूरे नशे के कारोबार को फैलाने का काम प्रदेश के सत्ताधारी दल के नेता और अफसरशाही कर रहे हैं. यह बात भाजपा नेता शिवरतन शर्मा ने शराब बिक्री का विरोध करने पर ग्रामीणों की पिटाई करने के साथ उनके खिलाफ मामला दर्ज करने पर कही.

विधायक शिवरतन शर्मा ने महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद ग्राम नर्रा के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ओंकार ठाकुर नाम का व्यक्ति अवैध शराब का कारोबार कर रहा था. गांव के लोगों ने इसका विरोध किया. गांव के काशी यादव ने टोल फ्री नंबर में भी इसकी शिकायत की थी. इसके बाद काशी यादव को धमकाया गया और उसके घर में घुसकर ओंकार ठाकुर के लोगों ने हमला तक किया. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इसकी कोमाखान टीआई से शिकायत की, लेकिन एक घंटे तक कोई पुलिस वाला नहीं पहुंचा, और जब एक घंटे बाद पहुंचे तो नर्रा गांव के लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया. वहीं पुलिस से मारपीट के आरोप में 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

भाजपा नेता शिव रतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस 2018 में पूर्ण शराब बंदी का वादा करके सत्ता में आई है. कांग्रेस सरकार ने सवा दो साल में छत्तीसगढ़ को ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ बना दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार के फलने-फूलने और प्रोत्साहित करने का कांग्रेस नेता और अफसरशाही अंजाम देने में लगी है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अवैध तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जगह गाँव वालों को गिरफ्तार किया है. मामले में भाजपा ने सरकार से ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज मामले को खत्म कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही आगामी विधानसभा सत्र में मुद्दे को उठाने की बात कही.