रायपुर- राज्य सरकार ने बीते दो सालों में सरकारी हेलीकाॅप्टर और विमान के रखरखाव पर 16 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक सवाल पर लिखित जवाब देते हुए सरकार ने यह जानकारी दी है. जानकारी में यह भी बताया गया है कि किराए के हेलीकाॅप्टर पर जहां 25 करोड़ रूपए खर्च किए गए, वहीं किराए के विमान के ऐवज में आठ करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है.
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने अपने सवाल में पूछा था कि राज्य सरकार के पास कितने विमान और हेलीकाॅप्टर हैं? 1 दिसंबर 2018 से 31 जनवरी 2021 तक कितनी बार विमान और हेलीकाॅप्टर किराए पर किन कारणों से और किन-किन कंपनियों से लिए गए? कंपनियों को कितने किराए का भुगतान किया गया? सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य शासन के पास एक विमान बी-200 हैं, जबकि एक हेलीकाॅप्टर अगुस्ता ए-109 पाॅवर है. हेलीकाॅप्टर के रखरखाव के लिए दो सालों में 14 करोड़ 65 लाख 15 हजार रूपए खर्च किया गया है, वहीं विमान के रखरखाव पर 1 करोड़ 93 लाख रूपए खर्च किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि शासकीय हेलीकाॅप्टर के मरम्मत के लिए ग्राउंडेड होने और आकस्मिक शासकीय उपयोग के कारण किराए के हेलीकाॅप्टर की जरूरत पड़ी है. दो सालों में 43 बार हेलीकाॅप्टर किराए पर लिए गए हैं. छह कंपनियों से किराए के हेलीकाॅप्टर लिए गए हैं. इनमें ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, एयरकिंग चार्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, ओ एस एस एयर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, विंग्स एविएशन प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद, ब्लैकबर्ड एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर और सीजीएविएटर, रायपुर शामिल है. ढिल्लन एविएशन को 11 करोड़ 18 लाख, एयरकिंग चार्टर्स को 7 करोड़ 14 लाख, ओ एस एस एय़र मैनेजमेंट को 2 करोड़ 60 लाख, विंग्स एविएशन को 2 करोड़ 39 लाख, ब्लैकबर्ड एविएशन को 36 लाख 44 हजार और सीजी एविएटर को 1 करोड़ 30 लाख रूपए का भुगतान किया गया है. मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि दो सालों में कुल 31 बार किराए के विमान लिए गए हैं, जिसके लिए सरकार ने 8 करोड़ 88 लाख रूपए से अधिक खर्च किए. यह विमान एयरकिंग चार्टर्स प्राइवेट लिमिटेड से किराए पर लिए गए.