नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर चले रहे विवाद के मद्देनजर संसदीय समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी की है. संसदीय समिति के अध्यक्ष भगत सिंह कोशियारी ने मंत्रालय को भेजे नोटिस में 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.
दरअसल पद्मावती फिल्म के खिलाफ राजपूत समाज, नेताओं, क्षत्रिय संगठनों द्वारा लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. विरोध प्रदर्शन के बीच फिल्म निर्माताओं ने भी फिल्म की रिलीज डेट टाल दी है. पहले फिल्म देश भर में 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट भी नहीं मिला था.
फिल्म निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड को सर्टिफिकेट के लिए फिल्म भेजी थी लेकिन सेंसर बोर्ड ने तकनीकी कमियों का हवाला देते हुए फिल्म का एप्लिकेशन वापस भेज दिया था. बोर्ड ने कहा था कि फिल्म ‘काल्पनिक है या ऐतिहासिक’ आवेदन में इसका डिस्क्लेमर तक अंकित नहीं किया गया था. वहीं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं.
भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में एमपी, राजस्थान, पंजाब और यूपी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इन राज्यों ने कहा कि जब तक फिल्म से आपत्तिजनक सीन्स को हटाया नहीं जाएगा. तब तक राज्य में फिल्म रिलीज नहीं हो पाएगी.
फिल्म के विरोध में हरियाणा बीजेपी के एक पदाधिकारी सूरजपाल अम्मू ने कहा था कि दीपिका और संजय लीला भंसाली का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा.