आशुतोष तिवारी,जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में हाईकोर्ट के दखल के बाद एक महिला निर्विरोध निर्वाचित होकर सरपंच बनी है. लेकिन इस पद को पाने के लिए महिला को दो साल तक इंतजार करना पड़ा. दरअसल दो साल पहले पंचायत चुनाव के दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने सरपंच के जिस निर्विरोध निर्वाचन को गलत ठहराया था. उस आदेश को बिलासपुर हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन को भी वैध ठहराया है. निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद महिला सरपंच दशमीबाई ने कलेक्टर को आवेदन देकर सरपंच का प्रभार दिलाने की बात कही है.

जानकारी के अनुसार पंचायती राज चुनाव के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने 7 जनवरी 2020 को ग्राम कुम्हरावंड के सरपंच के निर्वाचन प्रक्रिया के तहत दो प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त कर दिया था. जिसके बाद दशमी बाई बेलसरिया निर्विरोध निर्वाचित हो गई थी. उसे निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया था. इसके बाद मामले की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से की गई. फिर देर रात तक चली कार्रवाई के बाद उन्होंने निर्विरोध निर्वाचन को अवैध ठहरा दिया था.

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इस निर्वाचन को चुनौती देते हुए दशमी बाई बेलसरिया ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने दशमी बाई के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के आदेश को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट से फैसला पक्ष आने के बाद महिला दशमी बाई बेलसरिया कुम्हारवंड ग्राम पंचायत की सरपंच बन गई हैं. दशमीबाई ने कलेक्टर को आवेदन देकर सरपंच का प्रभार दिलाने को कहा है.