लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को आत्‍मनिर्भर व उनका कौशल विकास कर सपनों को पूरा करने में जुटी है। युवाओं को इंडस्‍ट्री से जोड़ने से लेकर उनको रोजगार उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है। आईटीआई के जरिए युवाओं को दक्ष बनाने के लिए प्रदेश सरकार नए सत्र में पीपीपी मॉडल पर 14 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान आईटीआई खोलने जा रही है। अभी प्रदेश में 300 से अधिक आईटीआई संचालित किए जा रहे हैं।

प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में प्रदेश सरकार पीपीपी मॉडल पर 14 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान बनवाने जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक अगस्‍त 2021 तक नए आईटीआई में दाखिले की प्रक्रिया होना शुरू हो जाएगी। 14 नए आईटीआई खुलने के बाद फिटर, इलेक्ट्रानिक मैकेनिक, टेक्निशियन, प्रोग्रामिंग असिस्‍टेंट, कम्‍प्‍यूटर आपरेटर जैसे कोर्सों में सीटों की संख्‍या बढ़ जाएगी। इससे छात्रों को दाखिला मिलने में काफी आसानी होगी। अभी यूपी के 305 आईटीआई संचालित हो रहे हैं। इसमें 1.72 लाख छात्र-छात्राएं विभिन्‍न कोर्सों में पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार नए आईटीआई खोलने में उन तहसीलों व विकास खंडों या अल्‍पसंख्‍यक बहुल्‍य क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। जहां पर कोई प्रशिक्षण संस्‍थान नहीं है।

एनसीवीटी से मिली मान्‍यता, राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍य

आईटीआई अधिकारियों के मुताबिक यूपी के आईटीआई से कोर्स करने के बाद उसको जो प्रमाण पत्र मिलेगा। वह राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍य होंगे। विभाग की ओर से पिछले चार सालों में 1 लाख 7 हजार 489 सीटों की मान्‍यता नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग से हासिल की जा चुकी है। जो विभाग की बड़ी उपलब्धि है। इन सीटों पर पढ़ने वाले छात्रों को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍य प्रमाण पत्र मिलेगा। प्रदेश में अब 1 लाख 51 हजार 508 सीटों पर मान्‍यता मिल चुकी है। इसके अलावा राजकीय आईटीआई में आईटी लैब, स्‍मार्ट क्‍लास व सोलर एनर्जी प्‍लांट स्‍थापित करने के साथ-साथ छात्रों को औद्योगिक ईकाईयों से जोड़ कर ट्रेनिंग दिलाए जाने का काम भी किया जा रहा है।