रायपुर.जलसंसाधन विभाग के नवपदस्थ सचिव सोनमणि बोरा ने बहुचर्चित सर्वेश्वर एनीकट के लिये आवंटित किये गये टेंडर को निरस्त कर दिया है.कोरबा जिले में बनने वाले सर्वेश्वर एनीकट के लिये जारी किये गये टेंडर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी, जिसके शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी.शिकायत की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने बिलासपुर के सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता आर.एन. दिव्य,अधीक्षण अभियंता बीआर लाडिया और कार्यपालन अभियंता मधुकर कुम्हारे के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के साथ ही 120 बी और 420 के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है.
सर्वेश्वर एनीकट के टेंडर के बारे में शिकायत की गई थी कि 41 करोड़ रुपए के लोवेस्ट रेट वाले ठेकेदार को गलत तरीके से बाहर करके नागपुर के एक फर्म को 56 करोड़ में काम दे दिया गया था.मतलब इस टेंडर में 15 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई थी.शिकायतकर्ता ने कहा था कि नागपुर के डी ठक्कर कंट्रक्शन कंपनी को काम देने के लिए अधिकारियों ने नियम कायदों की खुले आम धज्जियां उड़ाई थी.इस पूरे घोटाले को लेकर कुछ ठेकेदारों ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी और साथ में इस घोटाले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी.
जलसंसाधन विभाग के सचिव का दायित्व संभालते ही सोनमणि बोरा ने सर्वेश्वर एनीकट मामले की फाइल मंगाई और पूरे टेंडर प्रक्रिया का अध्ययन किया.अपनी पड़ताल में सोनमणि बोरा ने पाया कि प्रथमदृष्टया टेंडर जारी करते समय कई स्तर पर गलतियां की गईं हैं,इसलिये उन्होनें इस टेंडर को लेकर विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से विस्तृत चर्चा की और इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की सहमति लेकर पूरी टेंडर प्रक्रिया को निरस्त घोषित कर दिया.