रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस समय सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का लाने का ट्रेंड चल रहा है. पहले बलौदाबाजार में और अब अभनपुर में पंचों ने अपने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है. जिसके बाद तहसीलदार ने सरपंच को पद से हटा दिया है. मामला नायकबांधा ग्राम पंचायत का है.

जानकारी के अनुसार 24 फरवरी को ग्राम पंचायत नायकबांधा के असंतुष्ट पंचों ने सरपंच के खिलाफ तहसीलदार शशिकांत कुर्रे को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. जिस पर तहसीलदार ने एक पीठासीन अधिकारी को नियुक्त किया. ग्राम पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पूरी की गई. आज मतदान में सरपंच के पक्ष में 4 वोट और विपक्ष में 16 वोट पड़े. इस तरह एक साल से पहले ही सरपंच पद से भागबली मरकाम कार्य मुक्त हो गए.

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एक साल पहले ग्राम पंचायत नायकबांधा चुनाव में भागबली मरकाम को बहुमत से सरपंच चुना गया था. पंचों ने बताया कि सरपंच भागबली मरकाम के 1 साल का कार्यकाल असंतुष्ट पूर्वक रहा है. ग्राम विकास की कोई कार्य नहीं हुए. सरपंच का रवैया बहुत ही असहयोग पूर्ण था. परेशान होकर ग्राम पंचायत के सभी पंचों ने तहसीलदार के समक्ष अविश्वास का प्रस्ताव रखा था. जिस पर तहसीलदार ने संज्ञान लेते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर प्रक्रिया की कर्रवाई पूरी की.

यहां भी दो सरपंच बर्खास्त

बता दें कि इससे पहले बलौदाबाजार जिले में चार ग्राम पंचायत के सरपंच के खिलाफ पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिसमें से दो सरपंच को एसडीएम ने पद से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद सरपंच संघ आंदोलन के मूड़ में आ गया. संघ ने बिना जांच के ही कार्रवाई करने की बात कहते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी.

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